गाय के मांस पर विवादित बयान देने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कण्डेय काटजू अब खुद कानूनी दांवपेंच में फंस गए हैं। इस बयान पर जस्टिस काटजू के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किये जाने की अर्जी को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए इलाहाबाद की जिला अदालत ने उन्हें नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है। इसके साथ ही इस खबरो को छापने वाले अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को भी नोटिस भेजा है।
जिला अदालत के ही वकील आर. एन. पाण्डेय ने भावनाएं आहत होने की बात कहकर जस्टिस काटजू के खिलाफ आईपीसी की धाराओं में क्रिमिनल केस दर्ज किये जाने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की थी। इस अर्जी में कहा गया कि फ्रीडम आफ स्पीच का दायरा तोड़कर लोगों की भावनाएं भड़काने और समाज में नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। जिला अदालत ने इस बारे में पेश किये गए दस्तावेजों के आधार पर मामले को फिलहाल सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए जस्टिस काटजू को नोटिस जारी कर उनसे ग्यारह अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा है। अदालत ने उनके इस बयान को प्रमुखता से छापने वाले एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार टाईम्स ऑफ इंडिया के प्रकाशक को भी नोटिस जारी किया है।
जस्टिस काटजू ने गाय के मांस को सस्ता प्रोटीन बताने वाला बयान दिया था, जिसे लेकर कई संगठनों ने ऐतराज जताया था, लेकिन इलाहाबाद के वकील पांडेय इसे लेकर हाईकोर्ट चले गए, उन्होंने काटजू के साथ साथ टाइम्स ऑफ इंडिया को भी लपेटे में ले लिया।