इन दिनों बिहार में बाहुबली विधायक अनंत सिंह उर्फ छोटे सरकार के खिलाफ नकेल कसने वाली आईपीएस अधिकारी लिपि सिंह की चर्चा जोरों पर है। 2016 बैच की आईपीएस अधिकारी लिपि सिंह को बिहार में लेडी सिंहम के नाम से बुलाया जा रहा है। उन्हें बिहार में महिला पुलिसकर्मी शोभा अहोतकर के बाद सबसे सख्त महिला पुलिस अधिकारी बताया जा रहा है। बता दें कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपी अनंत सिंह ने कई दिनों तक फरार रहने के बाद दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर के लिए अर्जी दाखिल की है।
लिपि सिंह को पहले सिर्फ जेडीयू के वरिष्ठ नेता, सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह की बेटी के रूप में जाना जाता था लेकिन पिछले दिनों उन्होंने विधायक अनंत कुमार के खिलाफ कार्रवाई की है, उससे उनकी लेडी सिंघम की पहचान बन गई है। लिपि और एसपी (ग्रामीण) कौंतेश कुमार मिश्रा ने पुलिस टीम की अगुआई करके अनंतसिंह के पटना जिले के बाढ़ सब डिविजन के अंदर आने वाले लदमा गांव स्थित पैतृक आवास में पिछले शुक्रवार को छापेमारी की थी। इस दौरान पुलिस ने उनके घर से एके 47 सेमी ऑटोमेटिक राइफल, दो हैंड ग्रेनेड और 26 जिंदा कारतूस बरामद किए थे।
अनंत की पत्नी की शिकायत के बाद लिपि का हुआ था तबादला
इसी के बाद अनंत सिंह के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरा लिपि सिंह का बाढ़ की सब डिविजन पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) के रूप में उनकी नियुक्ति को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद उन्हें पद से हटाकर एटीएस में एएसपी बना दिया गया था। लिपि के खिलाफ ऐक्शन अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी की शिकायत पर लिया गया था जो मुंगेर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उतरी थीं।
दोबारा बनी एसडीपीओ, अनंत पर कसा शिकंजा
चुनाव के बाद लिपि दोबारा बाढ़ की एसडीपीओ बनीं। अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान उन्होंने अनंत के खिलाफ मुहिम छेड़ दिया। उन्होंने अनंत के साथियों पर सबसे पहले नकेल कसी और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की। सूत्रों के अनुसार, लिपि के पिता आरसीपी सिंह के सीएम नीतीश कुमार के करीबी होने की वजह से ही उन्हें बाढ़ में दोबारा एसडीपीओ पद पर तैनात किया गया था।
700 अपराधियों को भेज चुकी हैं सलाखों के पीछे
लिपि बाढ़ की एसडीपीओ रहत हुए अब तक 700 अपराधियों को सलाखों के पीछे भेज चुकी हैं और कई अवैध हथियार सीज कर चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे किसी भी शख्स के राजनीति से जुड़े होने से कोई लेना देना नहीं है। मैंने सबूतों के आधार पर कार्रवाई की और अनंत इससे बच नहीं सकते थे।’
साभार- टाईम्स ऑफ इंडिया से