उत्तर प्रदेश की जेल डासना वेलेंटाइंस डे पर एक इतिहास रच दिया है। जेल के अधीक्षक श्री शिव प्रकाश यादव के विशेष सहयोग से डासना में एक खास गाना शूट किया गया है। इस गाने पर पिछले कई महीनों से काम हो रहा था। वर्तिका नन्दा का लिखा और निर्देशत यह गाना अब डासना का परिचय गान होगा। इस गाने को जेल की उसी ऐतिहासिक दीवार के सामने शूट किया गया है जिसे जेल के चार बंदियों ने तिनका तिनका डासना की थीम पर बनाया था। 3 डी पेंटिग पर बनी यह दीवार जेल की जिंदगी की कहानी कहती है।
इस गाने को संगीतबद्ध जेल के बंदी शहजाद ने अपनी टीम के साथ किया है। करीब 9 मिनट का यह वीडियो कल से यू ट्यूब पर उपलब्ध होगा। जेल मंत्री श्री रामूवालिया ने इसका लोकार्पण करते हुए उत्तर प्रदेश की जेलों में बड़े बदलावों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 30 जून तक उप्र की 29 जेलों में आर ओ का इंतजाम होगा ताकि बंदियों को शुद्ध पानी मिल सके। सभी जेलों में पीसीओ लगाने का भी इंतजाम होगा।
दिन बदलेंगे यहां भी, पिघलेंगी ये सलाखें भी, ढह जाएंगी ये दीवारें, होंगी अपनी कुछ मीनारें, टूटे फिर भी आस ना, ये है अपना डा-सना – इस गाने के साथ यह जेल देश की सभी जेलों के बंदियों में उम्मीदें भरने का काम करेगी।
डासना जेल के अधिकारी शिव प्रकाश यादव, आर एस यादव, शिवाजी यादव और आनंद पांडे जैसे अधिकारी बंदियों को लगातार प्रोत्साहित करते रहे हैं। उत्तर प्रदेश जेलों के महानिरीक्षक श्री देवेंद्र सिंह चौहान का इस योजना के साथ लगातार सहयोग रहा है।
तिनका तिनका भारतीय जेलों पर वर्तिका की एक अनूठी श्रृंखला का नाम है जिसमें वे हर बार किसी एक जेल पर काम करेंगी। वे मीडिया और साहित्य के ज़रिए महिला अपराधों के प्रति जागरूकता लाने के लिए भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी से 2014 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति भवन में स्त्री-शक्ति पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं।2013 में विमला मेहरा के साथ संपादित उनकी किताब तिनका तिनका तिहाड़ का विमोचन तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने किया था। यह किताब लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्डस में शामिल है।
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वर्तिका नंदा
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