दत्तात्रेय राजनीतिक रुप से काफी व्यवहारिक माने जाते हैं। उल्लेखनीय है कि आरएसएस में डॉ. कृष्ण गोपाल और वी.बागईया दत्तात्रेय से वरिष्ठ हैं, लेकिन युवाओं को आरएसएस से जोड़ने के उद्देश्य से दत्तात्रेय को अगला सरकार्यवाह बनाया जा सकता है।
संघ में बढ़ेगा दत्तात्रेय होसबोले का कद, वर्तमान सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी की जगह लेंगेअखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की 9-11 मार्च को बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि मौजूदा आरएसएस सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी इस दौरान अपना पद छोड़ सकते हैं और दत्तात्रेय होसबोले उनकी जगह अगले सरकार्यवाह बनाए जा सकते हैं।
आरएसएस में बड़े फैसले लेने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की 9-11 मार्च को बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि मौजूदा आरएसएस सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी इस दौरान अपना पद छोड़ सकते हैं और दत्तात्रेय होसबोले उनकी जगह अगले सरकार्यवाह बनाए जा सकते हैं। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ही आरएसएस में लोकतांत्रिक निकाय माना जाता है, नहीं तो आरएसएस एक अपारदर्शी संस्था मानी जाती है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) की वार्षिक बैठक के लिए देशभर के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से करीब 1500 प्रतिनिधि जुटते हैं। लेकिन हर तीन साल बाद एबीपीएस की बैठक नागपुर स्थित आरएसएस हेडक्वार्टर में होती है। इस बार नागपुर में होने वाली बैठक इसलिए खास है क्योंकि इस बार बैठक के दौरान सरकार्यवाह पद के लिए चुनाव होना है।
सरकार्यवाह का पद आरएसएस में दूसरे नंबर का पद माना जाता है। जिम्मेदारी की बात करें तो दुनिया की सबसे बड़ी संस्था आरएसएस में सरकार्यवाह, पथप्रदर्शक और दार्शनिक होता है। जो आरएसएस में होने वाली हर दिन की कारवाई देखते हैं। बता दें कि भैय्याजी जोशी पिछले 9 सालों से सरकार्यवाह का पद संभाल रहे हैं। उससे पहले भैय्याजी जोशी सेवा भारती में कई साल बिता चुके हैं। सेवा भारती आपदाओं के समय आरएसएस का डिजास्टर मैनेजमेंट और सहायता समूह है। भैय्याजी जोशी सेवा प्रमुख का पद भी संभाल चुके हैं। उल्लेखनीय है कि मौजूदा आरएसएस चीफ मोहन भागवत भी साल 2009 में सरसंघचालक बनने से पहले 9 सालों तक सरकार्यवाह के पद पर रहे हैं।
2015 में नागपुर में हुई एबीपीएस की बैठक में दत्तात्रेय होसबोले सरकार्यवाह बनते बनते रह गए थे। तब भैय्याजी जोशी को लगातार तीसरा कार्यकाल दिया गया था। लेकिन अब स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए भैय्याजी जोशी पद छोड़ रहे हैं। ऐसे में दत्तात्रेय होसबोले का नाम इस पद के लिए सबसे आगे है। गौरतलब है कि दत्तात्रेय राजनीतिक रुप से काफी व्यवहारिक माने जाते हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि दत्तात्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी भी माने जाते है। उल्लेखनीय है कि आरएसएस में डॉ. कृष्ण गोपाल और वी.बागईया दत्तात्रेय से वरिष्ठ हैं, लेकिन युवाओं को आरएसएस से जोड़ने के उद्देश्य से दत्तात्रेय को अगला सरकार्यवाह बनाया जा सकता है।