मिलेगा 9.1 प्रतिशत ब्याज, बेटियों की उच्च शिक्षा और उनके विवाह में होगी सुविधा
बेटियांँ पढ़ेंगी तो बेटियांँ बढ़ेंगी। बेटियों की समृद्धि और खुशहाली में ही समाज का भविष्य टिका हुआ है। इसी के मद्देनजर बेटियों की उच्च शिक्षा और उनके विवाह के लिए डाकघरों में सुकन्या समृद्धि योजना आरंभ की गयी है। इस संबंध में जानाकारी देते हुए इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत बेटी के जन्म से लेकर 10 वर्ष की आयु तक कभी भी किसी भी डाकघर में यह खाता खोला जा सकता है। इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1,000 और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये जमा किये जा सकते हैं । इस पर वर्तमान में 9.1 प्रतिशत ब्याज देय है और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी प्राविधान है। इस खाते को देशभर में किसी भी डाकघर में स्थानांतरित किया जा सकता है।
डाक निदेशक श्री यादव ने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना की सुविधा केवल 2 बेटियों के लिए ही मिलेगी। लेकिन, पहली बेटी के बाद यदि जुड़वा बेटियाँ पैदा होती है तो तीसरी बेटी को भी उसका लाभ मिलेगा। यह खाता बालिका के अभिभावकों द्वारा खोला या संचालित किया जायेगा। वे बालिका के दस साल का होने तक खाते का परिचालन करेंगे। 10 साल की आयु पूरी होने के बाद बालिका खुद खाते का परिचालन कर सकेगी। इस योजना में खाता खोलने से 14 वर्ष तक धन जमा कराना होगा। यदि किसी वित्तीय वर्ष खाते में किसी कारणवश न्यूनतम राशि जमा नहीं हो पाती है तो दंड के रूप में पचास रूपये जमा कर खाते को पुनः संचालित किया जा सकता है।
निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि बालिका की उच्चतर शिक्षा और विवाह आदि आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इसमें से 50 फीसदी राशि बालिका के 18 वर्ष पूरा होने पर निकाली जा सकती है। खाते की परिपक्वता अवधि उसके खोले जाने से 21 वर्ष पूरे होने या बालिका के विवाह के वक्त जो भी पहले लागू हो तक होगी, बशर्ते बालिका की आयु न्यूनतम 18 वर्ष हो चुकी हो। खाताधारक की मृत्यु होने पर इसे तत्काल बंद कर दिया जाएगा और खाते में रखी राशि का खाता बंद होने के पिछले महीने तक के ब्याज के साथ अभिभावक को भुगतान कर दिया जाएगा।
प्रवर डाक अधीक्षक, इलाहाबाद मंडल श्री रहमतउल्लाह ने बताया कि खाता खोलने के लिए बालिका का जन्म प्रमाणपत्र, अभिभावक का फोटोग्राफ, जमाकर्ता की पहचान और आवासीय प्रमाण से संबंधित दस्तावेज देना अनिवार्य है।