दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम आ चुका है। इस बार किसी दल को भले ही बहुमत न मिला हो लेकिन आपराधिक पृष्ठभूमि वाले विधायकों की संख्या में सात फीसदी की कमी आई है। बीते चुनाव में 43 फीसदी (29 संख्या) विधायक विधानसभा में पहुंचे थे। यह आंकड़ा इस बार 36 फीसदी (25 संख्या) तक सिमट गया है।
ये दावा किया है एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा जारी रिपोर्ट में। यह रिपोर्ट उम्मीदवारों द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए शपथ-पत्रों के आधार पर तैयार की गई है। बहरहाल, दिलचस्प यह है कि भाजपा को सबसे अधिक सीटें मिली हैं और इसी दल के सबसे अधिक विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 70 विधायकों में से भाजपा को 31 सीटें मिली हैं। इनमें से 17 विधायक आपराधिक मामलों में लिप्त हैं।
भाजपा के दागी विधायकों में बढ़ोत्तरी हुई है: 2008 के चुनाव में इस दल के 11 दागी विधायक चुने गए थे। इस बार 17 चुने गए हैं। वहीं दूसरे सबसे बड़े दल के रूप में उभरी आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों पर किसी न किसी तरह के आपराधिक मामले दर्ज हैं। उधर, कांग्रेस के सिर्फ दो ही ऐसे विधायक हैं जो ऐसे आपराधिक मामलों में घिरे हुए हैं। इसके अलावा भारतीय राष्ट्रीय लोकदल और जनता दल यूनाइटेड के एक-एक उम्मीदवार विधायक चुने गए हैं। दोनों ही दलों के ये विधायक आपराधिक पृष्ठभूमि से हैं।
गंभीर आपराधिक मामले वाले बढ़े: 2008 के विधानसभा चुनाव में भले ही आपराधिक मामले वाले विधायक अधिक चुने गए हों मगर उनमें हत्या का प्रयास, डकैती व महिलाओं पर अत्याचार जैसे गंभीर आपराधिक वाले विधायक कम थे। उस समय सिर्फ 70 विधायकों में सिर्फ छह ही ऐसे थे। लेकिन 2013 के चुनाव में चुनकर आए ऐसे विधायकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। अब 09 की जगह संख्या बढ़कर 20 पर आ पहुंची है।
94 गंभीर अपराध वाले उम्मीदवारों में से 74 को नकारा: रिपोर्ट बताती है कि जनता पहले से ज्यादा जागरूक हुई है। यही वजह है कि दिल्ली ने विभिन्न दलों के गंभीर आपराधिक मामलों वाले 94 उम्मीदवारों में से 74 को नहीं चुना। इसके अलावा जिन पर गंभीर मामले दर्ज हैं उनमें ओखला से चुने गए कांग्रेस के आसिफ मोहम्मद खान हैं। उन्होंने शपथ-पत्र में खुद पर हत्या का प्रयास का मामला घोषित किया हुआ है।
भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हर्ष वर्धन पर भी मामला: भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डॉ. हर्षवर्धन कृष्णा नगर से चुने गए हैं। उन पर आईपीसी की धारा 509 के तहत महिला के साथ अत्याचार का गंभीर आपारधिक मामला है।