Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया सेशेअर बाजार का ग़मः काला धन तो आया नहीं, सफेद धन भी...

शेअर बाजार का ग़मः काला धन तो आया नहीं, सफेद धन भी चला गया

कहते हैं कि हंसने और मुस्कुराने से से गम का बोझ हल्का हो जाता है। शेयर बाजार में आई हालिया गिरावट के बाद कारोबारी और निवेशकल भी चुटकुलों और हंसी-मजाक से अपना नुकसान भुलाने की कोशिश कर रहे हैं। साल 2008 में जब बाजार बर्बादी के कगार पर था, तब हमारे पास लतीफे शेयर करने के लिए वॉट्सऐप नहीं था। लेकिन अब ट्रडर्स को वॉट्सऐप और चुटकुलों का सहारा मिल गया है।

मुंबई के अंधेरी से चलने वाली लोकल पर सवाल 40 साल का एक शख्स अपना स्मार्टफोन चेक करके मुस्कुराता है। उसे अपने एक डे-ट्रेडर दोस्त से एक मेसेज मिला है। इसमें लिखा है, ‘काला धन तो आया नहीं, सफेद धन भी चला गया।’ वह इसे पढ़कर दूसरों को सुनाता है, जो उसने साथ रोज यात्रा करते हैं। वे इस जोक पर ठहाका लगाते हैं और उसे फॉरवर्ड करने के लिए कहते हैं। चंद पलों के अंदर जोक दूसरे वॉट्सऐप ग्रुप्स तक पहुंच जाता है।

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस की मंजिल तक पहुंचने से पहले कुछ और लतीफे इन्हें मिलते हैं। दलाल स्ट्रीट, मोहता मार्केट और फोर्ट एरिया में अपनी दुकानों और काम करने की जगहों कारोबारी जब इस पर बहस कर रहे हैं कि क्या सोमवार को हफ्ते भर बाद चीन के शेयर बाजार के खुलने से पहले शॉर्ट पोजिशन लेनी चाहिए? इस बीच वॉट्सऐप पर शेयर बाजार से मेसेज आने का सिलसिला जारी रहता है।

इनमें से एक में बाजार की हालत ‘अल्लाह के बंदे’ गाने की तर्ज पर बताई गई है,’टूटा टूटा सेंसेक्स देखो ऐसे टूटा कि फिर जुड़ ना पाया,लूटा लूटा किसने उनको ऐसे लूटा कि फिर उठ ना पाया, गिरता हुआ वो 29,000 से आकर गिरा 23,000 पर, ख्वाबों मे फिर भी 30,000 ही थे वो कहता रहा मगर,कि अल्लाह के इनवेस्टर्स हंसदे अल्लाह के इनवेस्टर..।’ चुटकुलों के साथ आध्यात्म और दार्शनिक टाइप के मेसेज भी मिल रहे हैं। इनमें से एक में लिखा है, ‘स्टॉक मार्केट से आपको गीता का ज्ञान भी मिलता है- तुम क्या ले के आए थे, और क्या लेकर जाओगे।’

साभार- इकॉनामिक टाई्म्स से

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार