Monday, November 25, 2024
spot_img
Homeप्रेस विज्ञप्तिनिद्रा और योग पर वेबिनार में अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए नींद की...

निद्रा और योग पर वेबिनार में अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए नींद की भूमिका पर चर्चा

नई दिल्ली। आयुष मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय- केन्‍द्रीय योग एंव प्राकृतिक चिकित्‍सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरवाईएन) द्वारा “निद्रा- योग और नींद” विषय पर एक वेबिनार में, स्वास्थ्य के एक महत्वपूर्ण, लेकिन अक्सर उपेक्षित कर दिए जाने वाले कारण, यानी नींद पर ध्यान केन्‍द्रित किया गया। वेबिनार 7 जनवरी 2021 को आयोजित किया गया था। इस वेबिनार में नींद विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिसमें न्यूरोलॉजिस्ट, मनोचिकित्सक, चिकित्सक, शोधकर्ता और योग एवं प्राकृतिक चिकित्सक शामिल थे। वैज्ञानिक सत्र में, विशेषज्ञों ने नींद, इसके महत्व और योग निद्रा के लाभों से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

वेबिनार में भाग लेने वाले अनेक विशेषज्ञों में, एम्‍स, नई दिल्‍ली के पूर्व प्रोफेसरडॉ. एच.एन मलिक ने नींद और जीव विज्ञान संबंधी आवर्तन के महत्व, नींद के शरीर क्रिया विज्ञान और शरीर की आंतरिक घड़ी के आवर्तन को प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में बात की। एम्स, ऋषिकेश के मनोचिकित्सा विभाग और डिवीजन ऑफ स्लीप मेडिसिन के अतिरिक्‍त प्रोफेसर डॉ. रवि गुप्ता ने अनिद्रा के विभिन्न पहलुओं और स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया। उन्‍होंने उन बातों पर जोर दिया जो नींद में सुधार कर सकती हैं जैसे वजन कम करना, सांस लेने संबंधी व्‍यायाम, योग और प्राणायाम तथा उपचार के अन्‍य तौर-तरीके। एएफएमसी, पुणे में स्पोर्ट्स मेडिसिन एंड कोऑर्डिनेटर डिपार्टमेंट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन की प्रोफेसर डॉ. करुणा दत्ता ने भी अनिद्रा के शिकार रोगियों में योग निद्रा को शामिल करने के संबंध में अपने अनुभव साझा किए।

आयुष मंत्रालय के निदेशक श्री विक्रम सिंह ने एक आम आदमी के दृष्टिकोण को जोड़ा, और एक अच्छी नींद के पैटर्न की व्याख्या की जिससे रोजमर्रा की जिंदगी में उत्पादकता में वृद्धि हुई। कोविड-19 के बाद नई “सामान्य” स्थितियों में नींद अधिक महत्वपूर्ण हो गई है और हम सभी को इस पर और ध्यान देने की आवश्यकता है।

नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में योग कैसे मदद करता है, इस पर प्रकाश डालते हुए, सीसीआरवाईएन के निदेशक डॉ. राघवेंद्र राव ने कैंसर और कोविड पॉजिटिव रोगियों में योग और स्लीप मॉड्यूलेशन के प्रभाव के बारे में बताया। उन्होंने इस बात पर विस्तार से बताया कि स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में कोविड पॉजिटिव रोगियों में श्वास दर परिवर्तनशीलता अधिक थी। विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा एक अच्छी चर्चा करने और प्रस्तुतियां देने के बाद, वैज्ञानिक सत्र नींद के विभिन्न पहलुओं पर वैज्ञानिक अध्ययन में वृद्धि करने और पर्याप्त नींद और अच्छे स्वास्थ्य के बीच संबंध की प्रतिज्ञा के साथ समाप्‍त हो गया। सीसीआरवाईएन ने इस विषय पर अनुसंधान परियोजनाओं को समन्वित करने का संकल्प लिया, जिसमें “योग निद्रा” के विशेष ध्यान केन्द्रित करना शामिल हैं।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार