Monday, November 25, 2024
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पर्यटन की खुशबू से लबरेज है डॉ.प्रभात का साहित्य

लेखकों की दुनिया निराली होती है। लेखन की सबकी अपनी – अपनी विधा होती हैं। इतिहास, कला – संस्कृति, साहित्य, प्रकृति, धर्म – आध्यात्म, ज्योतिष, चित्रकला, मूर्तिकला, स्थापत्य, बाल साहित्य, कहानियां,व्यंग, पर्यटन, देश – समाज, राजनीति, स्वास्थ्य,शिक्षा और न जाने कितने अन्य विषयों पर खूब लिखा जा रहा हैं। हम आपका परिचय एक ऐसे लेखक से करा रहे हैं जिसने विविध विषयों पर अपनी कलम चलाने के साथ – साथ कला – संस्कृति और पर्यटन को अपने लेखन का मुख्य आधार बनाया।

निसंकोच कहा जा सकता है की इनके साहित्य में पर्यटन की विविध विधाओं की खुशबू बिखरी है।

राजस्थान में कोटा निवासी डॉ.प्रभात कुमार सिंघल जिन्होंने न केवल अधिकांश भारत को देखा वरन लेखन का माध्यम बना कर पर्यटन स्थलों को पत्र – पत्रिकाओं और इलेक्ट्रॉनिक वेब पोर्टल के माध्यम लोगों में पर्यटन के प्रति रुझान बढ़ाने का श्लांघनिय कार्य किया है। इन्होंने पिछले 40 वर्षो में पर्यटन की विविध विधाओं पर करीब 10 हज़ार से अधिक लेख,ब्लाग,फीचर,यात्रा संस्मरण,रिपोर्ताज लिखे। सेवा निवृत्ति के बाद के बाद के समय का उपयोग केवल पर्यटन के लिए किया और पर्यटन पर 15 से अधिक पुस्तकें लिख कर पर्यटन के क्षेत्र में अपना खास मुकाम बनाया है।

पर्यटन स्थलों को जा कर देखने की जिज्ञासा और फोटोग्राफी के शौक ने इन्हें आज पर्यटन लेखक की श्रेणी में ला खड़ा कर दिया है। इन्होंने अपने लेखन की यात्रा 1979 में कोटा के स्थानीय दैनिक समाचार पत्र धरती करे पुकार ,देश की धरती और जननायक से शुरु की और राज्य स्तर के राजस्थान पत्रिका, दैनिक नवज्योति, राष्ट्रदूत से होते हुए इनका लेखन राष्ट्रीय स्तर पर दैनिक हिन्दुस्तान, नवभारत टाइम्स, जनसत्ता, दैनिक जागरण, पांच जन्य, वीर अर्जुन, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, हिन्दुस्तान साप्ताहिक, धर्मयुग साप्ताहिक, पाक्षिक सरिता, मुक्ता, मासिक कादम्बिनी, दिनमान, नवनीत की पत्र – पत्रिकाओं तक पहुंच गया। केंद्र और राज्य सरकारों की विविध पत्रिकाओं एयर इंडिया की स्वागत, रेलवे बोर्ड की भारतीय रेल, संस्कृति विभाग की आजकल, राजस्थान सरकार की सुजस आदि अनेक अन्य पत्रिकाओं में इनके पर्यटन ,पुरातत्व और कला – संस्कृति सम्बन्धी लेख खूब प्रकाशित हुए हैं। बाल पत्रिकाओं चंपक, लोटपोट आदि में भी बच्चों के लिए पर्यटन पर प्रचुरता से लेखन किया। वर्तमान में इनके पर्यटन सम्बन्धी लेख अमेरिका के एक मात्र हिंदी समाचार पत्र ‘हम हिन्दुस्तानी’ में भी निरन्तर प्रकाशित हो रहे हैं।

सम्पूर्ण राजस्थान के पर्यटन सम्बन्धी समस्त पहलुओं को इन्होंने नजदीकी से देखा और लेखन का माध्यम बनाया। चाहे ऐतिहासिक किले, महल, मन्दिर,छतरियां, बावड़ियां, हवेलियां, झीलें, उद्यान, पर्वत, नदियां, वन्य जीव, रेगिस्तान, एडवेंचर स्पोर्ट्स हो या हों कला – संस्कृति, पुरातत्व और आदिवासी जन – जीवन, कोई भी पक्ष इनकी नज़रों से अछूता नहीं रहा। साथ ही इन्होंने जम्मू – कश्मीर, हिमाचल,उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, हरियाणा,पंजाब, महाराष्ट्र,गुजरात,मध्यप्रदेश, गोवा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, उड़ीसा और पश्चिमी बन्गाल राज्यों के साथ – साथ नेपाल की यात्रा कर वहां के पर्यटन स्थलों को देखा और समाज – संस्कृति का अध्यन कर समझा और लिखा।

राजस्थान के आस्था स्थलों, भारत के आराध्य तीर्थ, अदभुत राजस्थान, हमारा भारत हमारी शान, अतुल्य अजमेर, हाड़ौती – करोली दिग्दर्शन, ऐसा देश है मेरा – भारत भ्रमण, भारत की विश्व विरासत, राजस्थान का कश्मीर उदयपुर, भारत में समुद्र तटीय पर्यटन, विश्व रेगिस्तान का इंद्र धनुष, संग्रहालय और पर्यटन, पर्वतीय पर्यटन – अरावली, रोमांचक साहसिक पर्यटन के विशेष सन्दर्भ में प्रमुख पुस्तकों के साथ पर्यटन सम्बन्धी 15 पुस्तकों का लेखन कर प्रकाशन करवाया। इनकी अभी तक कुल 25 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

पर्यटन के लिए जाना, देखना, समझना,लिखना पर्यटन को जीने वाला लेखक राजस्थान सरकार के सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग में करीब 34 वर्ष की सफलता पूर्वक सेवा कर 31 अक्टूबर 2013 को जॉइंट डायरेक्टर पद से सेवा निवृत हुआ। सेवा काल में इन्होंने राजस्थान विश्व विद्यालय से 1991 में जन संचार एवं पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया और 1996 में कोटा खुला विश्व विद्यालय से ‘राजपूूूूताने में पुलिस प्रशासन 1857 – 1947’ विषय पर अपनी पी. एचडी. पूर्ण की। इन्होंने ‘कल्चरल हेरिटेज एंड टूरिज्म पोटेंशल’ विषय पर जयपुर के हरिश्चंद्र माथुर लोक प्रशिक्षण संस्थान से 1991 में 7 दिवसीय प्रशिक्षण कोर्स भी किया। सेवा निवृत्ति के बाद ढाई वर्ष तक इन्होंने पाक्षिक समाचार पत्र ‘ टूडे आईं ‘ का प्रकाशन भी किया।

सेवा काल में इन्होंने जिस कुशलता से सब को साथ लेकर टीम भावना से काम किया और अपने लेखन से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और उपलब्धियों को जन – जन तक पहुंचने का उलेखनीय एवं उत्कृष्ट कार्य किया उसी के परिणाम स्वरूप इन्हें विभिन्न पदों पर रहते हुए राष्ट्रीय पर्वों स्वाधीनता दिवस एवं गणतंत्र दिवस पर जिला स्तरीय समारोहों में तीन बार जिला स्तरीय पुरस्कार से जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया। राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय,कोटा द्वारा हिंदी दिवस 2018 पर ‘ हिंदी साहित्य सेवा सम्मान ‘ एवं वरिष्ठ नागरिक जन दिवस 2018 पर ‘ वरिष्ठ नागरिक पर्यटन लेखक’ सम्मान से सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय हिन्दी समाचार पोर्टल नई दिल्ली प्रभा साक्षी द्वारा 18वीं वर्षगांठ पर दिल्ली में आयोजित समारोह में 8 नवंबर 2019 को ‘ हिंदी सेवा सम्मान ‘ से नवाजा गया। पर्यटन में हाड़ौती क्षेत्र को राष्ट्रीय पहचान दिलाने पर न्यू इंटरनेशनल सोसायटी,कोटा द्वारा 5 जनवरी 2021 को ‘ हाड़ौती गौरव ‘ सम्मान से सम्मानित किया गया।

पर्यटन लेखक की पर्यटन यात्रा निरन्तर जारी है। पत्रकारिता और लेखन में सक्रियता ने इन्हें जीवंत बना रखा है। आलकल ये भारत के मंदिरों पर विशेष रूप से कार्य कर रहे हैं और रोमांचक साहसिक पर्यटन पुस्तक प्रकाशन में हैं।

(लेखक कोटा में रहते हैं, एडवोकेट हैं व स्वतंत्र लेखन भी करते हैं)

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