केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने वर्चुअल माध्यम से शिक्षा संबंधी प्रशासन में नवाचार और अच्छी पहल के लिए 5वां राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया। राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (एनआईईपीए) ने जिला और प्रखंड स्तर के शिक्षा अधिकारियों के लिए शिक्षा संबंधी प्रशासन में नवाचार और अच्छी पहल के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार की स्थापना की है। एनआईईपीए ने आज ऑनलाइन माध्यम से पांचवें पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया।
देश के 29 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के चयनित जिला और प्रखंड स्तर के शिक्षा अधिकारियों को राष्ट्रीय पुरस्कार या प्रशंसा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस वर्ष सौ से अधिक अधिकारियों को पुरस्कार या प्रशंसा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं।
इस अवसर पर श्री सुभाष सरकार ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी व्यवस्थागत स्तर के प्रशासन और क्षेत्रीय स्तर के शिक्षा संबंधी प्रशासन के बीच महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उन्होंने कहा कि नीतियों और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन एवं शिक्षा संबंधी सेवाओं के कुशल वितरण को सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। श्री सरकार ने प्रखंड स्तर के शिक्षा अधिकारियों की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला क्योंकि वे क्षेत्र स्तर पर वास्तविक कार्यान्वयन एजेंसियां हैं। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी कार्यक्रम की सफलता और अपेक्षित परिणाम जिला एवं उप जिला स्तर के शिक्षा संबंधी प्रशासन पर निर्भर होते हैं। एक कुशल अधिकारी इन स्तरों पर प्रभाव ला सकते हैं।
मंत्री को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि क्षेत्रीय स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों ने शिक्षा संबंधी सेवाओं के वितरण के तरीके में बदलाव लाने के लिए नवीन विचारों और रणनीतियों को अपनाया है। उन्होंने बताया कि इन अधिकारियों ने वितरण तंत्र में सुधार के लिए कुछ समस्याओं और चुनौतियों को दूर करने के लिए नवीन रणनीतियों को अपनाने की पहल की है। उन्होंने कहा कि उनके अभिनव विचारों और रणनीतियों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस प्रतिबद्धता का भी स्पष्ट रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में उल्लेख किया गया है।
जिला और प्रखंड स्तर के शिक्षा अधिकारियों के लिए शिक्षा संबंधी प्रशासन में नवाचार के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार योजना 2014 में एनआईईपीए द्वारा शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य शिक्षा की सार्वजनिक प्रणाली के कामकाज में सुधार के लिए जमीनी स्तर पर शिक्षा संबंधी प्रशासन में नवाचार और अच्छी पहल को प्रोत्साहन देना है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जिला और प्रखंड स्तर के शिक्षा अधिकारियों द्वारा जिला और प्रखंड स्तर पर शिक्षा संबंधी प्रशासनिक प्रणाली के प्रभावी प्रबंधन के लिए अपनाए गए नवीन विचार और पहल को पहचानना एवं स्कूल स्तर पर संस्थागत विकास और प्रदर्शन सुनिश्चित करना है। क्षेत्रीय स्तर के शैक्षिक अधिकारी शिक्षा की व्यवस्थागत स्तर के प्रशासन और संस्थागत स्तर के प्रबंधन के बीच एक आवश्यक कड़ी भी होते हैं। क्षेत्रीय स्तर पर नीतियों और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की प्रक्रिया में इन अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
कुछ प्रमुख क्षेत्रों में जहां अधिकारियों ने कई उपाय किए हैं, उनमें शामिल हैं- डिजिटल कक्षाओं तक आईसीटी का उपयोग, फेसबुक और व्हाट्सएप का उपयोग; मानव और वित्तीय संसाधनों को जुटाना; स्कूलों के भीतर बुनियादी सुविधाओं में सुधार, सामुदायिक सहयोग और समर्थन; कौशल निर्माण, विशेष रूप से भाषा कौशल में सुधार; शिक्षकों का क्षमता निर्माण और स्कूलों के समग्र कार्य की गुणवत्ता में वृद्धि से संबंधित उपाय। चूंकि सार्वजनिक परीक्षा में छात्रों का प्रदर्शन स्कूलों के प्रदर्शन और स्कूलों में पठन-पाठन की गुणवत्ता के प्रमुख संकेतकों में से एक है, इसलिए जिला और प्रखंड स्तर के शिक्षा अधिकारी अपने संबंधित राज्यों की पहलों के अलावा कई अन्य तरह की पहल करते हैं।