मुरैना। क्या आप गोबर जैसी चीज को अपने बेडरूम या ड्राइंग रूम में सजाना चाहेंगे। नहीं न! लेकिन अगर गोबर को इतना आकर्षक रूप दे दिया जाए कि लोग आपके होम डेकोरेशन की तारीफ करने लग जाएं तो? जी हां। मुरैना के एक कलाकार ने ऐसा ही एक खूबसूरत काम किया है।
शहर में दवा की दुकान संचालित करने वाले आर्टिस्ट दिलीप गोयल गाय के गोबर से फोटो फ्रेम, गुलदान, घड़ियां, धार्मिक कलाकृतियों का निर्माण करते हैं। यह कलाकृति दिल्ली से लेकर मद्रास तक के लोग ऑनलाइन मंगाते हैं। इन कलाकृतियों से जो आय होती है उसे श्री गोयल इसी कला को बढ़ाने में लगाते हैं और शहर की उस गौशाला को दान करते हैं, जहां से वे कलाकृतियों के लिए गोबर लाते हैं।
दिलीप गोयल कुछ साल पहले शहर की एक गोशाला से जुड़े थे। श्रीगोयल के मुताबिक गौशाला में इतना गोबर एकत्रित होता था कि उसे या तो खाद के लिए बेहद कम दाम में बेच दिया जाता था। या उससे ईंधन बनाने के लिए लोगों को दे दिया जाता था।
इधर गौशाला संचालन के लिए पैसे की कमी भी बड़ी समस्या थी। दिलीप गोयल के भीतर के कलाकार ने इसी समय कुछ नया करने का फैसला किया। श्री गोयल ने गाय के गोर से पहले देवताओं की प्रतिमाएं बनाना शुरू कीं, जो काफी लोकप्रिय हुईं। इसके बाद दिलीप ने गोबर से खुशबूदार और रंग बिरंगी होमडेकोरेशन की चीजें बनोन की शुरूआत की। इसकी मार्केटिंग भी श्री गोयल ने कुछ प्रचलित व्यावसायिक साइट्स से की।
इसके बाद तो चमत्कार ही हो गया। दिल्ली, यूपी, राजस्थान, मध्यप्रदेश मुंबई तक के लोगों ने अपने घर सजाने के लिए इन चीजों को ऑन लाइन खरीदना शुरू कर दिया। हाल ही में श्री गोयल को मद्रास से भी स्थानीय व्यापारियों ने इन चीजों केा ऑर्डर दिए हैं।
महीने में 9 क्विंटल गोबर से तैयार करते हैं समान
श्री गोयल हर रोज करीब 30 किलो गोबर से डेकोरेशन और पूजा का सामान तैयार करते हैं। पहले यह सारा काम वे हाथों से करते थे। लेकिन जब मांग बढ़ी तो श्री गोयल ने अपने हाथ से तैयार प्रतिमाओं और डेकोरेशन के सामान के सांचे बना लिए। अब महीने में 9 क्विंटल गोबर से श्री गोयल सामान तैयार करते हैं। जो 50 रुपए से 750 रुपए की कीमत में ऑन लाइन और डीलर्स के माध्यम से देश भर में बिक रहा है।
साभार- http://naidunia.jagran.com/