राजस्थान सरकार के तीन साल 17 दिसम्बर को पूरे हो रहे हैं। सरकार के तीन साल कोटा में बेमिसाल कहे जा सकते हैं। नगरीय विकास और स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल के कोटा का विकास कर नागरिकों को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने और कोटा को पर्यटन नगरी बनाने के सपनों को लेकर तीन साल पहले करीब तीन हजार करोड़ रुपए के कार्य शुरू किए। विकास में तीन साल बहुत कम समय होता है और इसी समय में आकर लेने लगे कार्य जनता के सामने आने लगे हैं। कोटा का पर्यटन नगर बनना, सिग्नल फ्री कोटा, पशुओं से मुक्त कोटा कुछ ड्रीम प्रोजेक्ट्स हैं जो तेजी से पूर्ण होने की और अग्रसर हैं।
यह जानकारी देते हुए नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि चम्बल नदी पर कोटा बैराज से नयापुरा उच्चस्तरीय पुल के बीच में दोनों तटों पर रिवर फ्रंट विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के अन्तर्गत राजस्थान की विभिन्न शैलियों की शिल्पकला के अनुसार फसाड़ कार्य, छोटी एवं बड़ी समाध का विकास बैराज गार्डन का निर्माण तथा बाढ़ से बचाव हेतु रिटेनिंग वॉल एवं दोनों ओर की घाटों का निर्माण किया जा रहा है। इसकी परियोजना लागत 800.00 करोड़ है। यह परियोजना आगामी वर्ष के आरम्भिक महिनों में साकार होने की तैयारी में हैं।
नगरीय विकास मंत्री ने बताया किआई. एल. टॉउनशिप में 30 हैक्टेयर भूमि पर 112.83 करोड़ से सिटी पार्क (ऑक्सिजोन) के विकास का प्रथम चरण में 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। द्वितीय चरण में 7.68 करोड़ की लागत से रिसेप्शन, कैफेटेरिया, पार्किंग एवं फव्वारों का निर्माण करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आक्सीजोन में आने वालों को सघन वन का अहसास होगा क्यौकि 72 प्रतिशत हिस्से में पेड लगाए गए है साथ 16 प्रतिशत हिस्से में जल संरचनाए , नहर तालाब विकसित किए गए है सिर्फ 12 फीसदी हिस्से में आकर्षक निर्माण कार्य करवाया गया है।
उन्होंने बताया कि कोटा शहर के पशुपालकों के लिए ग्राम धर्मपुरा एवं देवरी पुनिया के समीप न्यास की 105.00 हैक्टेयर भूमि पर एकीकृत आवासीय योजना विकसित की जा रही है। जिसमें पशुपालकों के गोबर के निस्तारण हेतु 28.00 करोड़ की लागत से बायोगैस संयंत्र की स्थापना भी की जा रही है। इस परियोजना की लागत 300.00 करोड़ है। इस परियोजना लगभग पूर्णता की ओर है। इससे कोटा शहर पशु मुक्त बन जाएगा।
नगरीय विकास मंत्री ने बताया कि चौराहे पर भारी यातायात को दृष्टिगत रखते हुए यातायात को सुचारू रूप से चलाने हेतु अन्टाघर चौराहे पर अण्डरपास का निर्माण किया जा रहा है। करीब 23.96 करोड़ की लागत से अण्डरपास का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। सौन्दर्यीकरण के कार्य तेजी से चल रहा है। भामाशाह मण्डी में जिन्सों की अत्यधिक आवक होने से अनन्तपुरा तिराहे पर भारी यातायात होने के कारण यातायात को सुचारू रूप से चलाने हेतु 70 करोड़ की लागत से फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। जिसकी परियोजना लागत 70.00 करोड़ है और 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। इसी प्रकार एरोड्रम चौराहे पर यातायात की अधिकता के देखते हुऐ यातायात को सुचारू रूप से चलाने हेतु 50 करोड़ की लागत से अण्डरपास एवं अन्य विकास कार्य किये जा रहे हैं। अंडर पास का 90 प्रतिशत निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। इस चौराहे पर 20 करोड़ से टावर्स ऑफ लिबर्टी का निर्माण कराया जा रहा है। चौराहे के चारों तरफ के भवनों पर फसाड़ का कार्य भी किया जायेगा।
मंत्री धारीवाल ने बताया कि गोबरिया बावड़ी चौराहे पर भारी यातायात को दृष्टिगत रखते हुऐ यातायात को सुचारू रूप से चलाने हेतु 20.89 करोड़ से अण्डरपास का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य प्रगति पर है। जयपुर गोल्डन के समीप 12.06 करोड़ से पार्किंग सुविधा विकास का 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। गुमानपुरा में इन्द्रागांधी तिराहे पर 55.44 करोड़ से फ्लाईओवर निर्माण कार्य 80 फीसदी पूर्ण कर लिया गया हैं और शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा। झालावाड़ रोड़ पर सिटीमॉल के सामने 46.35 करोड़ से ऐलीवेटेड रोड़ का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।
मंत्री धारीवाल ने बताया कि कोटा में चिकित्सा सुविधा विकास, पेयजल सुविधा विकास,खेल सुविधा विकास, चौराहों के सौंदर्यकरण एवं हेरिटेज संरक्षण के अन्य प्रमुख कार्य भी तेजी से प्रगतपर चल रहे हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं व राजस्थान जनसंपर्क के सेवा निृत्त अधिकारी हैं)