जब दूसरी ट्रेनों में पैर रखने की जगह नहीं है और 3-4 महीने पहले ही सभी सीटें बुक हो रही हैं। ऐसे में देशभर में चलने वाली दूरंतो एक्सप्रेस खाली जा रही हैं। सभी दूरंतो ट्रेनों में हर साल 30 से 70 हजार तक सीटें खाली रहती हैं। भोपाल होकर तीन दूरंतो स्पेशल ट्रेनें चलती हैं। इनमें ट्रेन नंबर 12213/12214 यशवंतपुर-नई दिल्ली-यशवंतपुर दूरंतो एक्सप्रेस की 80 फीसदी सीटें खाली जा रही हैं। फरवरी में एसी 3 में 480 में से 342, एसी-2 में 94 में 56 और एसी-1 में 20 सीटें खाली हैं। इस ट्रेन का स्टॉपेज गंटुकल व सिंकराबाद में है।
इसके अलावा ट्रेन नंबर 12269/12270 हजरत निजामुद्दीन-चैन्नई-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस व ट्रेन नंबर 12285/12286 निजामुद्दीन-सिंकदराबाद-निजामुद्दीन दूरंतो एक्सप्रेस भी भोपाल होकर जाती हैं। इन दोनों ट्रेनों में एसी1, एसी2, एसी3 के साथ स्लीपर क्लास हैं। तीनों ट्रेनों का इटारसी में टेक्निकल हाल्ट है। इस लिहाज से भोपाल या इटारसी में इन गाड़ियों के कमर्शियल स्टॉपेज की मांग की जा रही है, जिसका फायदा यात्रियों को भी मिलेगा, लेकिन स्टॉपेज नहीं बढ़ाए जा रहे हैं।
रेलवे को पांच साल में 600 करोड़ का नुकसान
वर्ष 2010 से 2015 के बीच खाली बर्थ से करीब 600 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह खुलासा रेलवे बोर्ड से सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से हुआ है। देशभर में 33 दूरंतो ट्रेन चल रही हैं। ये ट्रेनें प्रारंभ स्टेशन से गंतव्य के बीच कहीं नहीं रुकती। इस वजह से ज्यादातर ट्रेनों में करीब 70 फीसदी सीटें ही भर पा रही हैं। इसे लेकर सतना के एडवोकेट राजीव खरे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। रेलवे ने कोर्ट को बताया था कि तीन ट्रेनों के कमर्शियल हाल्ट बीच के स्टेशनों में कर दिए गए हैं। बाद में छह और ट्रेनों के स्टॉपेज किए गए। राजीव खरे ने सभी ट्रेनों के स्टॉपेज बनाने की मांग की थी। इसके बाद रेलवे ने 23 और ट्रेनों के स्टॉपेज एक जनवरी से बना दिए हैं। इसके बाद भी कई दूरंतों ट्रेनों में बर्थ खाली जा रही हैं। दिल्ली से 13 दूरंतो चलती हैं, इनमें 4 को छोड़ बाकी में 30 से 50 फीसदी तक बर्थ खाली जा रही हैं।
खरे ने बताया कि दूरंतो ट्रेनों के टेक्निकल स्टॉपेज को कमर्शियल स्टॉपेज बनाने के लिए 2013 में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रेल मंत्री को पत्र लिखा था, लेकिन किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। रेलवे ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया तो सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे को जरूरी कदम उठाने के लिए कहा था। इसके बाद भी रेलवे ने सभी तकनीकी हाल्ट को कमर्शियल हाल्ट नहीं बनाया है।
किस साल कितनी खाली रहीं बर्थ
साल कुल बर्थ खाली बर्थ नुकसान
2015 41,76,055 3,25,416 109 करोड़
2014 74,08,549 7,04,474 175 करोड़
2013 75,03,973 6,77,921 133 करोड़
2012 64,42,634 4,36,989 70 करोड़
2011 44,45,498 5,11,523 86 करोड़
2010 24,64,616 3,16,863 53 करोड़
(2015 के आंकड़े जुलाई तक के रुपए में )
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भोपाल में हो स्टॉपेज
दिल्ली से चलने वाली दूरंतो ट्रेनों के लिए भोपाल बीच में पड़ता है। इटारसी की जगह इन ट्रेनों का भोपाल में टेक्निकल व कमर्शियल हाल्ट दिया जाए। हमने कई बार भाोपल या इटारसी में इन ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग की है।
– ओबी मिश्रा, पूर्व सदस्य, राष्ट्रीय रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति
साभार- http://naidunia.jagran.com/से