Monday, December 23, 2024
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लॉस एंजेल्स में हिंदी कविताओं की गूँज

हर साल की तरह इस बार भी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी समिति के तत्वाधान में हास्य कवि सम्मलेन का आयोजन किया जा रहा है, जिसको अपार सफलता मिल रही है। अंतरराष्ट्रीय हिन्दी समिति के अध्यक्ष तथा कवि सम्मेलन के प्रभारी श्री आलोक मिश्रा जी ने बताया कि यह कवि सम्मेलन अमेरिका के २४ शहरों में आयोजित किया जा रहा है। यह कुल छह हफ़्तों का कार्यक्रम हैं। आलोक जी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय हिन्दी समिति इस कार्यक्रम को करीब ३८ सालों से करती आ रही है। इसके कारण अमेरिका और कनाडा के बहुत से लोग अंतरराष्ट्रीय हिन्दी समिति से जुड़ें हैं। आलोक जी ने आगे बताया कि इंडियाना पोलिस में हमारा अधिवेशन होने वाला है जो की हर दो सालों में एक बार होता है। इस अधिवेशन में इन तीन कवियों के अलावा भारत से एक और कवि जुड़ेंगे जिनका नाम है कर्नल डॉ वी पी सिंह। यह एक बहुत बड़ा कवि सम्मलेन होगा। आलोक जी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय हिन्दी समिति, इसकी अध्यक्षा श्रीमती अनीता सिंघल के साथ मिल कर बहुत ही सुचारु रूप से कार्य करती है।

इसी के तहत २२ जुलाई को कैलिफोर्निआ के सेंटिआगो चार्टर मिडिल स्कूल के ऑडिटोरियम में गोपिओ (Global Organization of People of Indian origin- Los Angeles Chapter (GOPIO-LA) और अंतरराष्ट्रीय हिन्दी समिति के सौजन्य से हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में श्रीमती रचना श्रीवास्तव मंच पर आयीं और उन्होंने अपनी हास्य व्यंग और ग़ज़ल से लोगों का मन मोह लिया। इसके बाद रचना ने गोपियो की कार्यकारिणी सदस्या और संचालिका डॉ अस्मत नूर को मंच पर आमंत्रित किया जिन्होंने अपने हास्य से सभी को प्रभावित किया।

अस्मत जी ने गोपियो के बारे में बताने के लिए गोपिओ की अध्यक्षा श्रीमती कलिका गुप्ता को मंच पर आमंत्रित किया। कलिका जी ने गोपियो के बारे में बोलते हुए कहा कि यह संस्था सभी समुदाय के लोगों के साथ मिल कर कार्य करती है। इसके बाद अस्मत जी ने कवियों का परिचय दे कर उनको मंच पर आमंत्रित किया। मंच पर कलिका गुप्ता, श्री राजेन्द्र धुन्ना और श्रीमती अंजू गर्ग ने कवियों का पुष्प दे कर स्वागत किया। मंच पर इन अतिथि कवियों के अतिरिक्त श्री सुनील गर्ग जी भी उपस्थित थे जो स्वयं हिंदी की अच्छी समझ रखते हैं।

फिर मंच संभाला सरिता जी ने और सभी का स्वागत करते हुए भारत के मध्यप्रदेश से आये व्यंगकार सुदीप भोला जी को मंच पर आमंत्रित्र किया। सुदीप जी, “लपेटे में नेता जी” फेम व्यंगकार हैं और इस शो से इनको बहुत लोकप्रियता मिली है। सुदीप जी ने अपनी अन्य कविताओं के अतिरिक्त, नरेंद्र मोदी जी पर एक पैरोडी, जो हिंदी गीत “सौ साल पहले मुझे तुमसे प्यार था” की तर्ज़ पर था, उसे गाया। जब उन्होंने अपनी ये पैरोडी सुनाई तो दर्शकों को भी उसमें शामिल कर लिया और सबने इसका भरपूर आनन्द लिया। प्रवासी भारतीयों पर उनकी एक कविता ने सबको सम्मोहित कर दिया क्योंकि ये गीत वहां बैठे सभी दर्शकों की कहानी कह रहा था। सुदीप जी के काव्य पाठ के बाद सभी ने खड़े हो कर तालियां बजायीं।

इसके बाद सरिता जी ने मंच पर हास्य कवि श्री गौरव शर्मा को आमंत्रित किया। गौरव शर्मा जी हिंदी हास्य कविता में एक बड़ा चर्चित नाम है जो “The Great India’s Laughter Challenge-Season २” और “कॉमेडी का किंग कौन” जैसे प्रतिष्ठित हास्य प्रतियोगिताओं के विजेता रहे हैं। गौरव जी छोटी-छोटी कविताएँ करते हैं और उनकी वन लाइनरस से हॅसते हॅसते सभी दर्शकों के पेट में दर्द होने लगा। जब उन्होंने सुनाया कि बाहर के लोग कैसे खुश होते हैं और भारत में लोग कैसे खुश होते हैं तो श्रोताओं ने इसका खूब आनन्द लिया।

इसके बाद सुदीप भोला जी ने डॉ सरिता शर्मा जी को मंच पर आमंत्रित किया। सरिता जी के गीतों पर श्रोता झूम उठे। उनके मुक्तक, सवैया और गीत सभी को रोमांचित कर गए। “वो अंधेरे में जिया था, रोशनी से डर गया। उसके दिल पे काबिज थी हवस की आंधियां, पास आया तो मेरी पाकीजगी से डर गया …. कवयित्री डॉ. सरिता शर्मा की इन पंक्तियों ने कवि सम्मेलन में समा बांध दिया। ऐसे ही न जाने कितने भाव शब्दों में ढले और लोगों तक पहुँचते गए। सभी ने खड़े होकर सरिता जी के सम्मान में तालियाँ बजायीं।

इस कार्यक्रम में २०० से भी अधिक श्रोता उपस्थित थे और सभी कार्यक्रम के अंत तक बने रहे। कवि सम्मेलन के समाप्त होने पर लोगों ने कवियों के साथ फोटो खिचवाई। मैंने कार्यक्रम की अध्यक्षा श्रीमती कलिका गुप्ता जी से बात की तो उन्होंने दर्शकों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया की यह कार्यक्रम हमारे दानकर्ताओं के बिना संभव नहीं था। उन्होंने अपने दानकर्ता श्री अशोक मदान, डॉ अस्मत नूर, श्री नवीन गुप्ता, श्री केवल कांडा, अपर्णा हांडे जी, श्री राजेन्द्र धुन्ना, मिताली अग्रवाल, राजीव मेहरोत्रा, श्रीमती अंजू गर्ग, श्री सुनील गर्ग, श्री बलजिंदर, श्रीमती यात्री शुक्ला और श्री कनोज कोटला का हृदय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि गोपिओ के कमिटी के सदस्यों ने और सभी स्वयंसेवी मित्रों ने बहुत मेहनत की है और उन सबका भी दिल से धन्यवाद व्यक्त किया।

श्रोताओं ने हमसे बात करते हुए कहा कि साहित्य से जुड़ना अच्छा लगा। ऐसे कार्यक्रम होने ही चाहिए और अगले कार्यक्रम की प्रतीक्षा रहेगी। दरअसल हिंदी के प्रचार-प्रसार में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी समिति और उससे जुड़े सभी लोगों के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा करनी चाहिए। इस चमक-दमक और भागती-दौड़ती दुनिया में साहित्य और भाषा की खुशबू को ३८ वर्षों तक संजो कर रखना आसान नहीं है। जो अमेरिका जैसे शहरों में रहते हैं, उन्हें पता है की आयोजकों को कितनी मेहनत करनी पड़ती है। सब कुछ चंद लोगों को ही करना होता है, चाहे वो हाल की व्यवस्था हो, टिकट बेचना हो या फिर कलाकारों को लाना-ले जाना हो, सब कुछ इन्हीं कुछ लोगों की ज़िम्मेदारी होती है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय हिन्दी समिति बधाई की पात्र है। उम्मीद है भाषा और कविता के रंग इसी तरह लोगों की रूह को भिगोते रहेंगे!

(रचना श्रीवास्तव अमरीका में रहती है और वहाँ बसे भारतीयों द्वारा आयोजित साहित्यिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों व विभिन्न गतिविधियों वर लेखन करती है)
सभी चित्र अविनाश श्रीवास्तव द्वारा

रचना श्रीवास्तव, लॉस एंजेल्स, कैलिफ़ोर्निया में रहती हैं और वहां से हिन्दी मीडिया के लिए नियमित रिपोर्टिंग करती हैं।

Rachana Srivastava
Reporter, Writer, and Poetess
Los Angeles, CA

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