प्रति,
1. श्री ए.के. सिन्हा
निदेशक
मुद्रण निदेशालय
भारत सरकार
शहरी विकास मंत्रालय
बी विंग, निर्माण भवन
मौलाना आजाद रोड, नई दिल्ली
फोन: 011-23061413, फैक्स: 011-23063394 ई मेल: aksinha03@nic.in
2. श्री आर.एस. मीणा
संयुक्त सचिव
प्रकाशन विभाग
भारत सरकार
शहरी विकास मंत्रालय
सिविल लाइंस, दिल्ली 110054
महोदय,
कृपया 8 जनवरी 2014, 20 मार्च 2014 एवं 22 अप्रैल 2014 के मेरे अधोलिखित ईमेल संज्ञान लेते हुए की गई कार्यवाही की जानकारी देने का कष्ट करें।
इसके साथ मैं उक्त पत्रों पर पूरे एक साल कोई कार्यवाही ना करने एवं जवाब ना देने के लिए एक आर टी आई आवेदन rtionline.gov.in एवं लोक शिकायत पोर्टल pgportal.gov.in/ पर शिकायत दर्ज करवा रहा हूँ.
आशा है आप शीघ्र उत्तर देने का कष्ट करेंगे।
दिनांक: ८ जनवरी २०१४ को मेरे द्वारा लिखा गया पत्र, जिसका कोई जवाब आपने नहीं दिया है
कृपया बताने का कष्ट करें कि आपकी वेबसाइट http://www.egazette.nic.in हिंदी को आगे रखते हुए अथवा हिंदी-अंग्रेजी को एक साथ (बाएं -दायें) प्रदर्शित करते हुए द्विभाषी कब बनेगी?
और अंग्रेजी को प्राथमिकता देना कब बंद करेंगे?
आपने केवल अंग्रेजी वेबसाइट बनाकर नागरिकों के अधिकारों की खिल्ली तो उड़ाई ही है साथ ही राजभाषा कानून का भी खुला उल्लंघन किया. बात भारत के नागरिकों की पर भाषा अंग्रेजी.
क्या आप लोगों को इतनी सी बात भी समझ नहीं आती कि जनभाषा को प्रयोग ना करके आप भारत के संविधान को ठेंगा दिखा रहे हैं, अंग्रेजी में जानकारी देना, जानकारी ना देने के समान है. आपकी वेबसाइट भारत के सत्तानवे प्रतिशत आम नागरिकों के किसी भी काम की नहीं है. आपके प्रयास भी व्यर्थ जा रहे हैं. क्या आपने कभी ये सोचा है कि हमारी मेहनत जनता के काम नहीं आ रही है तो वह व्यर्थ जा रही है? क्या ऐसा करके आप अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं?
जिन अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है उन्हें सोते से जगाया जाए. इस पत्र को संचार जगत (मीडिया) में भी भेजा जा रहा है अतः कृत कार्रवाई की सूचना व परिणामों की अपेक्षा करते हैं । आशा है आप नागरिक चार्टर में निर्धारित समय में मेरी शिकायत पर कार्यवाही करेंगे और पत्र का उत्तर देंगे.
भवदीय
प्रवीण जैन
103 ए, आदीश्वर सोसाइटी
सेक्टर 9 ए, वाशी, नवी मुम्बई
पिन: 400703
प्रतिलिपि: राजभाषा विभाग