मुंबई। मुंबई और पुणे के बीच की यात्रा का समय तीन घंटे से सिमटकर 20 मिनट का रह जाएगा और इसके साथ ही यात्रियों को बेहतर और विश्वस्तरीय सफर का मजा भी मिलेगा। यह संभव होगा हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम की वजह से, जिसकी हकीकत को सच में बदलने के लिए सोमवार को महाराष्ट्र में वर्जिन ग्रुप ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
प्रधानमंत्री के हाथों नींव-
पहले हाइपरलूप रूट के जरिए सेंट्रल पुणे के साथ नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं नींव रखी है। मुंबई-पुणे को हाइपरलूप से जोड़ने के लिए अमेरिकी कंपनी वर्जिन ग्रुप ने महाराष्ट्र सरकार के साथ इंटेंट एग्रीमेंट साइन करने की घोषणा की है।
गौरतलब है कंपनी का दावा है कि इस तकनीक से 1000 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से सफर किया जा सकता है और मुंबई-पुणे के बीच सफर महज 13 मिनट में पूरा हो जाएगा।
महाराष्ट्र सरकार के साथ एग्रीमेंट-
मैग्नेटिक महाराष्ट्रा इंवेस्टर समिट के दौरान रविवार को वर्जिन ग्रुप के चेरयमैन रिचर्ड ब्रैनसन ने कहा, ‘मुंबई-पुणे के बीच वर्जिन हाइपलूप तैयार करने के लिए हमने महाराष्ट्र सरकार के साथ एक एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया है और इसकी शुरुआत एक ऑपरेशनल डेमंस्ट्रेशन ट्रैक के साथ हुई है।’
बताया जा रहा है कि इसमें हर साल 15 करोड़ यात्री सफर कर पाएंगे। नवंबर 2017 में महाराष्ट्र सरकार ने इस रूट पर सर्वे के लिए कंपनी के साथ करार किया था।
प्रदूषण बिल्कुल नहीं-
हाइपरलूप एक ट्यूब ट्रांसपॉर्ट तकनीक है। इसके तहत खंभों के ऊपर (एलिवेटेड) ट्यूब बिछाई जाती है। इसके भीतर बुलेट जैसी शक्ल की लंबी सिंगल बोगी हवा में तैरते हुए चलती है। वैक्यूम ट्यूब में कैपसूल को चुंबकीय शक्ति से दौड़ाया जाता है। बिजली के अलावा इसमें सौर और पवन ऊर्जा का भी उपयोग हो सकता है। इसमें बिजली का खर्च बहुत कम है और प्रदूषण बिल्कुल नहीं है।
हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार-
रिचर्ड ने कहा, ‘प्रस्तावित हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम यातायात की दुनिया को बदल देगा और यह मुंबई को दुनिया में अग्रणी बनाएगा। इस परियोजना से आर्थिक समाजिक लाभ 55 अरब डॉलर है।’ उन्होंने दावा किया कि इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। इस परियोजना के लागत व अन्य विवरण की जानकारी अभी प्रतीक्षारत है।