वर्ष -2023 उत्तर प्रदेश के विकास और निवेश के लिए एक मील का पत्थर साबित होने जा रहा है । फरवरी में आयोजित होने जा रही इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से इस वर्ष आने वाले अभूतपूर्व निवेश से जहाँ प्रदेश के युवाओं को विविध क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे वहीं किसानों की आय भी बढ़ने जा रही है। भारत को जी -20 की अध्यक्षता मिलने के बाद प्रदेश के चार प्रमुख शहरों में भी इस समूह के देश के विभिन्न मंत्रियों व अधिकारियों की बड़ी बैठकें होने जा रही है। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार निवेशकों व पर्यटकों को आकर्षित करने का कोई अवसर नहीं छोड़ना चाहती और उसका मास्टर प्लान भी तैयार हो चुका है।आगामी वर्ष 2023 में प्रदेश में कई मेगा इवेंट होने जा रहे हैं। खेलो इंडिया मूवमेंट का आयोजन करने का दायित्व भी प्रदेश को मिला है।
प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों ने फरवरी 2023 में लखनऊ में आयोजित होने जा रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए मुहिम चलाई और इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। अब तक के समाचारों के अनुसार फरवरी में राजधानी लखनऊ में आयोजित होने जा रही समिट में 52 से अधिक निवेशक व कंपनियां हिस्सा लेंगी। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने विदेशों में रोड शो किये तथा इस दौरान “एक जिला -एक उत्पाद” जैसी योजनाओं का प्रचार- प्रसार भी किया किया ।
प्रदेश में निवेश आमंत्रित करने के लिए अलग अलग देशों में गए प्रतिनिधि मंडलों को अच्छी सफलता मिली है। अमेरिका, नीदरलैंड,यूएई सहित खाड़ी के कई देश प्रदेश में भारी भरकम निवेश के लिए तैयार हो रहे हैं। विदेशी निवेशकों में जिस प्रकार का आकर्षण दिख रहा है उससे साफ हो गया है कि विदेशों में भी योगी मॉडल लोकप्रिय हो गया है।आस्ट्रेलिया और बेल्जियम से निवेश का कॉरिडोर बन रहा है।ब्राजील के निवेशक भी प्रदेश में निवेश करने के लिए उत्साहित हैं।आस्ट्रेलिया के निवेश प्रदेश में डिफेंस, वाटर रिसोर्स हेल्थ और अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर समेत विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने के लिए उत्साहित हुए।बेल्जियम में आयोजित रोड शो में यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक की ओर से बैठक में ब्रुसेल्स में एशिया और पैसिफिक डिविजन के हेड और एमडी एडवांस बमनस्टेस भी उपस्थित रहे।बैठक के बाद प्रदेश सरकार में औद्योगिक मंत्री नंद गोपाल नंदी ने बताया कि विदेशी निवेशकों के लिए डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में निवेश की प्रबल संभावनाएं बन रही है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने ब्राजील में निवेशकों से मुलाकात कर कृषि, डेयरी,आईटी व फार्मा सेक्टर में निवेश की संभावनाएं तलाशी हैं।दक्षिण कोरिया और जापान आदि देशों के निवेशकों में भी प्रदेश में निवेश करने का उत्साह दिखा। सिंगापुर की कंपनियों ने 8500 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव दिए हैं।नीदरलैंडस से 1050 करोड़़ के प्रस्ताव मिले हैं।जापान ने मेडिकल डिवाइस पार्क में निवेश को लेकर रूचि दिखाई है।कनाडा प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा भागीदार बनना चाहता है। स्वीडन की कंपनियों ने हथियारों का प्लांट लगाने की इच्छा जताई है।जिसमें स्वीडन की कंपनियों ने प्रदेश सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर 15 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है।ये कंपनियां फिल्म सिटी , रिटेल टूरिज्म वेस्ट मैनजमेंट जैसे क्षेत्रों में निवेश करने को तैयार हैं।अर्जेंटीना के निवेशकों के साथ भी सार्थक चर्चा हुई और कृषि व आईटी आदि क्षेत्रों के लिए निवेशकों ने उत्साह दिखाया है।मेक्सिको, लंदन और जर्मनी में हुए रोड शो में प्रदेश सरकार द्वारा दी गई प्रस्तुति से निवेशकों में विशेष उत्साह देखने को मिला है। निवेशकों से चर्चा के दौरान मेक्सिको के निवेशकों को एक जिला एक उत्पाद योजना के अंतर्गत लोकप्रिय उत्पाद भेंट किये गये।जापान और दक्षिण कोरिया के प्रमुख औद्योगिक घरानों से25,456 करोड़ रूपए के एमओयू पर साइन भी हो गये हैं।
ग्लोबल इन्वेस्टमेट समिट के लिए केवल विदेशी निवेशक ही नहीं अपितु स्वदेशी कंपनियां भी उत्साहित हो रही हैं।भारतीय उद्योगपतियों के समूह ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट फरवरी में सहभगिता के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर अपना उत्साह व समर्थन जताया।मुख्यमंत्री के सामने एवन साइकिल ग्रुप ने 500 करोड़, हीरो ग्रुप ने 350 करोड़ वैप ग्रुप ने 100 करोड़ रूपए का निवेश करने का प्रस्ताव रखा।
अमेरिका और ब्रिटेन की कंपनियां जो निवेश करने जा रही हैं उससे प्रदेश में 5.60 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। फ्रांस की एक कंपनी प्रदेश में 1,000 करोड़ रूपए का निवेश करने जा रही है। विदेशी दौरे पर गए मंत्रियों से जो रिपोर्ट प्राप्त हुई है उसके अनुसार आईटी, कृषि और वैकल्पिक ऊर्जा में बड़ा निवेश आने जा रहा है। जर्मनी, बेल्जियम और स्वीडन आदि देशों की कई कंपनियां तकनीक भी साझा करने पर सहमत हो गई हैं।प्रदेश के सभी मंत्रियों ने अपने विदेशी दौरे के दौरान प्रदेश सरकार व यूपी की खूबियां बताई जिससे निवेशक उत्साहित हुए।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि, “यूपी सबसे बड़ा श्रम एवं उपभोक्ता बाजार है। सरकार जल, वायु, सड़क और रेल नेटवर्क के माध्यम से निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए त्वरित गति से बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है जिससे उद्योगों को वैश्विक और घरेलू बाजार तक पहुंच बनाने में लाजिस्टिक्स की सुलभता में वृद्धि होगी। हमारे पास दुनिया की सबसे उर्वर भूमि है और सबसे संपन्न जल संसाधन है। विगत साढ़े पांच वर्षां में यूपी की छवि बदली है।हमारा प्रदेश राष्ट्रीय अर्थवयवस्था में अहम योगदान कर रहा है।“
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं भी लगातार देशी -विदेशी निवेशकों से संवाद करते हुए उन्हें यूपी में उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। निवेश सारथी के माध्यम से 30 नवंबर तक 1.68 लाख करोड़ रूपए से ज्यादा के निवेश प्राप्त हो चुके हैं।इसमें से 1.25 लाख करोड़ रुपए के एमओयू हो चुके हैं। सरकार की नई पर्यटन नीति से 10 लाख रोजगार और सौर ऊर्जा नीति से 30,000 रोजगार के नए अवसर पैदा होने जा रहे हैं। औद्योगिक पार्कों में सर्वाधिक 3,93,217 रोजगार के अवसर पैदा होंगे। नया निवेश आने के बाद आईटी सेक्टर में महिलाओं, दिव्यांगों और कमजोर वर्ग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
योगी सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से यूपी को ब्रांड यूपी के रूप में विकसित करने जा रही है।प्रदेश सरकार विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मेलों ,कार्यक्रमों तथा सम्मेलनों मे प्रतिभाग कर रही है।इसी कड़ी में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 16 से 20 जनवरी तक स्विटजरलैंड के दावोस में होने वाले वर्ल्ड इकोनामिक फोरम की बैठक में भी जाएंगे।इस माध्यम से मुख्यमंत्री ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए निवेशकों को आमंत्रित करेंगे।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार वर्ष- 2023 में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को और भी अधिक ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास करेगी। अयोध्या, मथुरा, काशी के विकास का कार्य अनवरत जारी है।अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है तथा अयोध्या एयरपोर्ट जून तक पूरा हो जाने की संभावना है। कई अन्य धार्मिक स्थलों का विकास भी तेज गति से हो रहा है।
इस प्रकार से वर्ष -2023 प्रदेश के लिए विकास, निवेश, पर्यटन आदि क्षेत्रों सहित सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के लिए भी मील का पत्थर साबित होने जा रहा है।
प्रेषक- मृत्युंजय दीक्षित
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