दुनिया के सामने पत्रकारिता के माध्यम से सच को उजागर करना एक पत्रकार के लिए आसान नहीं रह गया है, इस रास्ते में खतरा तो होता ही है, साथ में जान से हाथ धोने का जाने का भय भी बना रहता है। ऐसा ही एक वाक्या बुलंदशहर के खुर्जा में भी देखने को मिला।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खुर्जा के मोहल्ला पंजाबियान का निवासी पत्रकार जकाउल्ला भी कुछ गो तस्करों की बलि चढ गया। बताया जाता है कि पत्रकार जकाउल्ला हत्याकांड के पीछे उनके द्वारा किए गए खुर्जा में चल रहे गोकशी के गोरखधंधे के खुलासे के पर्दाफाश ने अहम भूमिका निभाई है। अगर हम पुलिसिया खुलासे पर गौर करे तो उनके अनुसार जकाउल्ला की हत्या में गोकशी ही प्रमुख वजह बनी। इससे यह भी साफ हो गया है कि शहर में गोकशी का यह धंधा कितने बड़े पैमाने पर संगठित रूप से चल रहा है।
गौरतलब है कि पत्रकार जकाउल्ला खां निवासी मोहल्ला पंजाबियान का 25 अगस्त को बोरे में बंद शव चोला चौकी क्षेत्र के जंगलों में बरामद हुआ। 27 अक्टूबर को पुलिस ने कोतवाली खुर्जा में खुलासा किया कि जकाउल्ला की हत्या नगर निवासी तीन लोगों ने मिलकर की थी। पुलिस के अनुसार, जकाउल्ला को गोकशी के कारोबार के बारे बहुत सारे अहम सुराग प्राप्त कर लिए थे, इससे इस गोकशी के धंधें में लिप्त लोगों के लिए खतरा तो पैदा हो ही गया था, साथ ही उनका वर्चस्व भी दांव पर लगा था।इसलिए उन्होंने पत्रकार जकाउल्ला की हत्या कर दी गई।
हांलाकि पुलिस अभी इस मामले में कोई ठोस सबूत जुटा नहीं पायी है, लेकिन पुलिस का दावा है कि उसके पास एक ऐसी चिट्ठी है, जिसमें जकाउल्ला के घर वालों को धमकी लिखकर भेजी गई है। उसमें लिखा गया है कि अगर मामले की पैरवी की तो ठीक नहीं होगा। हाथ से लिखी उस पाती को पुलिस ने अपना सबूत बनाया है।
इसके अलावा पुलिस उस युवक को गवाह बना रही है, जिसने आरोपी के घर के बाहर रात एक बजे आखिरी बार जकाउल्ला को देखा था। कोतवाली प्रभारी प्रमोद कुमार का कहना है कि आरोपियों ने उन्हें कार्रवाई न करने के लिए पेशकश की भी थी। इस केस में पुलिस गद्दों के राज को भी एक सबूत मानकर चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने दो नए गद्दे कुछ दिनों पहले खरीदे थे। हत्या के बाद दोनों गद्दे गायब हैं। एक गद्दे के खोल में ही जका का शव लपेटे जाने की दलील भी पुलिस दे रही है।
साभार-दैनिक जागरण से