कोटा। मनुष्य की जीवन यात्रा आनंद पूर्वक लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए संपन्न हो इसके लिए श्रीमद्भागवत गीता ऐसा ग्रंथ है जो जीवन जीना सिखाता है, ये हम सब जानते हैं कि विश्व में साहित्य की कमी नहीं है अपार वेद ग्रंथों से लेकर हनुमान चालीसा तक के ग्र्रंथों से प्रभु दर्शनों की प्राप्ति होती है, हां श्रीमद्भागवत गीता में वैदों से कोई अलग बात नहीं है किंतु भागवत गीता के तथ्य अलग है। भागवत गीता में मनुष्यों का जीने का सार पैदा होता है जो भगवान श्री कृष्ण ने प्रस्तुत किया है। यह उद्गार है गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के जो श्रीमद्भागवत गीता से जीवन प्रबंधन विषय पर दाधीच गार्डन में ‘जीओ गीता’ परिवार कोटा द्वारा चल रहे तीन दिवसीय व्याख्यान के प्रथम दिन आशिर्वचन के रूप में व्यक्त किये।
कार्यक्रम को मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी संबोधित किया और महाराज स्वामी ज्ञानानंद जी का कोटा में आगमन पर स्वागत किया अभिनंदन किया उनके साथ उनकी धर्मपत्नी अमिता बिरला भी मौजूद रहे,मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने संबोधन में कहा कि भागवत गीता ऐसा ग्रंथ है जो जीवन के जीने की कला को सिखाता है गीता हमारी संस्कृति को दर्शाती है जितना अध्ययन करोगे उतनी ही बार लगेगा कि अभी मेरा जीवन अधूरा है उन्होंने कहा कि युवाओं को गीता के प्रति जागृति पैदा करने की आवश्यकता है गीता ज्ञान से आप के अंधकार दूर किए जा सकते हैं,
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्षओम बिरला, रामधाम सेवा ट्रस्ट कोटा के संस्थापक एवं बड़ा भक्तमाल अयोध्या के पीठाधीश्वर महंत स्वामी अवधेशाचार्य महाराज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चित्तौड़ प्रांत प्रचारक विजय आनंद वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति अशोक शर्मा भारत विकास परिषद सेवा संस्थान के सचिव अशोक वशिष्ठ राजस्थान पेंशनर समाज कोटा के अध्यक्ष रमेश चंद्र गुप्ता कांग्रेस कमेटी के पूर्व जिला अध्यक्ष पंडित गोविंद शर्मा आदि रहे जिनका जीओ गीता परिवार कोटा की ओर से का स्वागत किया गया। जिसमें मुख्य रूप से अध्यक्ष किशन पाठक सचिव डाक्टरवेदप्रकाश गुप्ता उपाध्यक्ष राजेंद्र खंडेलवाल कोषाध्यक्ष दिनेश जोशी संयुक्त सचिव चिराग भोला, सुरेंद्र अग्रवाल, सदस्य चंद्रशेखर शर्मा, गिरधर बडेरा, गिर्राज खंडेलवाल, रोहित गुप्ता, अनिल चतुर्वेदी रामकृष्ण बागला कन्हैया लाल गुप्ता, संजय मंगल नरेंद्र गुप्त,ा अनिल शर्मा, आर एस गुप्ता, चंद्रकांत खंडेलवाल ऋषि शर्मा नंदा जोशी रचना पाठक एवं आयोजन समिति से जुड़ी विभिन्न समितियों के सदस्य मौजूद रहे।
गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा की जीवन की यात्रा को सफल बनाने के लिए गीता पढेÞ जो जीवन जीने के लक्ष्य को उत्कृष्टता की ओर बढ़ाती इसके पढ़ने से लाभ ही नहीं पूर्ण लाभ प्राप्त होता है। जीवन को अच्छे से जीया जा सकता है। आज के दौर में मनुष्य चिंता, तनाव से डिप्रेश्न में चला जाता है श्रीमद्भागवत गीता ऐसा ग्र्रंथ है जीससे जीवन सफल बनाया जासकता है। इसके लिए महाराज श्री ने महाभारत के पात्र अर्जुन व दुर्योधन उदाहरण देते हुये कहा कि अर्जुन परिवार को लेकर चिंतीत रहा जब की दुर्योधन सिर्फ मैं ओर अपने घमण्ड में रहा जिसके पास 18 लाख सेनाबल था और वही पांडवों की सेना बहुत कम थी किन्तु अर्जुन की सोच अपनों के लिए थी यही कारण था की सत्य की विजय हुई।
उन्होंने कहा कि जो दुसरों के दुख को अपना समझता है प्रभु उससे ही प्रसन्न होते है। उन्होने कहा कि आज के बढ़ते भौतिकवादी प्रभाव में चारों और तनाव, दबाव, दुर्भाव और व्यापक रूप में लूटमार, अनीति, अराजकता अपना दुष्प्रभाव जमाती दिखाई दे रही हैं। बचपन संस्कारहीन हो रहा है। इसलिए जीवन जीने के लिए घर-घर में गीता पाठ का आह्वान किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री राधा कृष्ण की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पूजा अर्चना से हुआ ।
आज सुबह कोटा पहुंचने पर रेलवे स्टेशन पर योगिता परिवार द्वारा महाराष्ट्र में ज्ञानानंद जी का भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया गया इसके पश्चात भारत विकास परिषद चिकित्सालय में स्वामी ज्ञानानंद ने अवलोकन किया और उपस्थित भारत विकास परिषद सेवा संस्थान के पदाधिकारी, चिकित्सालय के चिकित्सकों आदि को संबोधित किया