दक्षिण भारत के जाने-माने पत्रकार एवं “दक्षिण भारत राष्ट्रमत समूह” के प्रमुख संपादक श्रीयुत् श्रीकांत पाराशर जी की अध्यक्षता में उडुपि की सुप्रसिद्ध साहित्यकारा डॉ. माधवी भंडारी जी को कमला गोइन्का फाउण्डेशन द्वारा घोषित इकतीस हजार राशि का “पिताश्री गोपीराम गोइन्का हिन्दी कन्नड़ अनुवाद पुरस्कार” से उनकी अनुसृजित कृति “खुदी को किया बुलंद” के लिए पुरस्कृत किया गया। साथ ही इकतीस हजार राशि का “बाबूलाल गोइन्का हिन्दी साहित्य पुरस्कार” इस वर्ष हैदराबाद के श्री विजय कुमार सप्पत्ति जी को उनकी मूल हिन्दी कृति “एक थी माया” के लिए पुरस्कृत किया गया।
इस समारोह के मुख्य अतिथि “भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान” के अध्यक्ष डॉ. किरण कुमार जी थे।
संग-संग दक्षिण भारत की वरिष्ठ हिन्दी सेवी सुश्री शांताबाई जी “गोइन्का हिन्दी साहित्य सम्मान” से सम्मानित किया गया। साहित्येतर क्षेत्र के लिए “दक्षिण ध्वजधारी सम्मान” से कर्नाटक के सिरमौर प्रतिष्ठित नेत्र-विशेषज्ञ डॉ. नरपत सोलंकी जी को सम्मानित किया गया।
पुरस्कार समारोह रविवार दिनांक 10 अप्रैल को “भारतीय विद्या भवन” बेंगलूरु में आयोजित था। इस अवसर कमला गोइन्का फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी श्री श्यामसुन्दर गोइन्का ने स्वागत भाषण एवं संस्था का संक्षिप्त परिचय दिया। समारोह का संचालन डॉ. आदित्य शुक्ल जी ने किया।
पुरस्कार समारोह के अंत में एक अखिल भारतीय महामूर्ख हास्य कवि-सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। जिसमें कवि सम्राट श्री सुभाष काबरा जी के संग-संग महेश दूबे, श्री श्याम गोइन्का, श्री घनश्याम अग्रवाल तथा कवियित्री सुमिता केशवा ने अपनी कविताओं से बेंगलुरु के साहित्य-रसिकों को मंत्र-मुग्ध किया।