ईसा पूर्व 4600 से धरती से सोने का खनन किया जा रहा है। साल 2016 में बुल्गारिया में एक खुदाई स्थल पर काम कर रहे पुरातत्वविदों को एक इंच के आठवें हिस्से के बराबर का एक सोने का टुकड़ा मिला था। यानी बीते 6,600 से अधिक वर्षों से हो रहे सोने के खनन और परिष्कृत सोने के टुकड़े में यह सबसे बड़ा था।
सोने के निवेशक आश्चर्यचकित हो सकते हैं कि सोने के शोषण की सात सहस्राब्दी बीतने के बाद भविष्य में खोज, खनन और परिष्कृत के लिए दुनिया में कितना सोना बचा है। इंडस्ट्री ट्रेड ग्रुप द वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का अनुमान है कि अब तक लगभग 190,000 मीट्रिक टन सोने का खनन किया जा चुका है। यह धरती पर उपलब्ध सोने का करीब 77 फीसद है।
सोना व्यावहारिक रूप से कभी नष्ट नहीं होता है। इसलिए यह खनन के बाद से आज भी गहने, सोने के सिक्के, सोने की ईंट और इलेक्ट्रॉनिक सामानों (गोल्ड एक कंडक्टर के रूप में उपयोगी है, जो खराब नहीं होता है) में मौजूद है।
दिलचस्प बात यह है कि इस खनन किए गए सोने में से अधिकांश मात्रा को केवल पिछले 50 सालों में ही निकाला गया है। गोल्ड मूल्यवान धातु है, जिसका इस्तेमाल विश्व इतिहास में गहने और मुद्रा, दोनों के रूप में उपयोग किया गया है। दरअसल, यूएस भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, कुल खनन किए गए सोने का लगभग 50 फीसद खनन 1967 के बाद से किया गया है।
सोने का कितना खनन होना बाकी है?
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का अनुमान है कि दुनिया भर में शेष बचे सोने के भंडारों में अब महज 30 फीसद सोना ही बचा है। हाल ही में वैश्विक उत्पादन दर प्रति वर्ष लगभग 3,100 मीट्रिक टन है। इसका अर्थ है कि करीब 20 से कम वर्षों में दुनिया भर में सभी सोने के भंडार समाप्त हो जाएंगे।
भारत में है इतना सोना
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की फरवरी 2016 को जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास 557.7 टन सोना रिजर्व है। ऐसे में यदि इन सारे सोने को ट्रकों में भरा जाए, तो यह लगभग 62 ट्रक के बराबर होता है। औसतन एक ट्रक में नौ टन वजन के बराबर सामान लोड किया जाता है।
दिलचस्प बात यह है कि वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की यह रिपोर्ट किसी देश के सेंट्रल बैंक में सुरक्षित रखे हुए सोने की जानकारी देती है। यह उस देश के आम लोगों के पास सोने को नहीं बताती है। यानी इस सूची में निवेशक, आम जनता और बाजार में मौजूद सोने की मात्रा को शामिल नहीं किया गया है। वैसे इस रिजर्व सोने का मूल्य भी अंतरराष्ट्रीय उतार-चढ़ाव से प्रभावित होता है।
सोने की जरूरत क्यों है देशों को
आर्थिक संकट के समय अधिकतर देश केंद्रीय बैंक में रिजर्व सोना को ही भुनाते हैं। उदाहरण के लिए साल 1991 में आर्थिक संकट की स्थिति में तत्कालीन चंद्रेशखर सरकार ने रिजर्व सोने को भुगतान संतुलन संकट से निपटने के लिए इस्तेमाल किया था। उन्होंने करीब 65 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट (बीआईएस) के पास गिरवी रखा था।
सोने के मामले में टॉप 10 देश
सोना एक ऐसी धातु है, जिसका ज्यादा से ज्यादा भंडारण दुनिया का लगभग हर देश करना चाहता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने रिपोर्ट जारी कर दुनिया में सबसे अधिक सोने के भंडार वाले टॉप-10 देशों की लिस्ट जारी की है।
अमेरिका- 8133.5 टन
जर्मनी- 3381.3 टन
इटली- 2451.8 टन
फ्रांस- 2435.4 टन
चीन- 1762.3 टन
स्विटजरलैंड- 1040.1 टन
जापान- 765.2 टन
नीदरलैंड्स- 612.5 टन
भारत- 557.7 टन
ताइवान- 423.6 टन
साभार- दैनिक नईदुनिया से