मध्य प्रदेश के एक आदिवासी युवा नेता ने राज्य सरकार की एक पूर्व मंत्री को 35 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है. वहीं, इस नेता ने प्रदेश में ‘अबकी बार आदिवासी सरकार’ का नारा बुलंद कर सभी राजनीतिक दलों के माथे पर बल ला दिए थे. इस आदिवासी नेता का नाम है डॉ. हीरालाल अलावा.
कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ने वाले डॉ. हीरालाल अलावा (35) पहले जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन के मुखिया थे. बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले इस संगठन के मुखिया रहे हीरालाल अलावा ने कांग्रेस से गठबंधन के लिए 40 सीटों की मांग कर दी थी. हालांकि, बाद में उन्होंने अपने संगठन को छोड़कर कांग्रेस की टिकट पर मनावर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था.
बीते 15 सालों से बीजेपी का गढ़ रही मनावर विधानसभा सीट पर हीरालाल अलावा ने बीजेपी की पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधायक रंजना बघेल को 39,501 वोटों से हराया. कहा जा रहा था कि आदिवासी वोटों पर अपनी जबरदस्त पकड़ रखने के कारण ही कांग्रेस ने अलावा पर दांव खेला था. हालांकि, इस सीट पर उनका काफी विरोध हुआ बावजूद इसके वह जीतने में कामयाब रहे. अलावा की जीत के पीछे सबसे बड़ा कारण यह था कि वह बीते कई सालों से आदिवासियों के अधिकार, संस्कृति और अस्मिता के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं.
सियासी समर में कूदने से पहले हीरालाल अलावा AIIMS दिल्ली में डॉक्टर और सहायक प्रोफेसर रह चुके हैं. अलावा ने AIIMS में डॉक्टरी की पढ़ाई की और 2012 से 2015 तक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के रूप एम्स में नौकरी की. वहीं, 2015 से 2016 तक अलावा एम्स में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नौकरी की. 2016 में उन्होंने एम्स की सरकारी नौकरी छोड़ मध्य प्रदेश में आदिवासियों की आवाज उठाने वाला संगठन खड़ा किया.