सूचना-प्रसारण मंत्रालय ‘ओवर द टॉप’ (OTT) प्लेटफॉर्म्स (नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, जी5, ऑल्ट बालाजी जैसे कई ओटीटी प्लेफॉर्म्स) पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को अपने दायरे में लाना चाहता है। इस बात के संकेत सूचना-प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने दिए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सचिव अमित खरे ने कहा, ‘ओटीटी एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो अभी सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के तहत आता है। इस प्लेटफॉर्म पर वेब सीरीज, सीरियल जैसे कंटेंट दिखाए जाते हैं, जोकि सूचना-प्रसारण मंत्रालय के तहत आना चाहिए।’
उन्होंने यह भी कहा, ‘इस तरह के मसलों पर कामकाज करने के लिए विभिन्न मंत्रालय में तालमेल होना चाहिए और कारोबारी माहौल में ऐसा किया जाना जरूरी है। खास तौर पर जिस तरह के बदलाव हो रहे हैं उसमें यह बहुत ही आवश्यक है।’
खरे ने कहा कि प्लेटफॉर्म्स के अनुसार भारत में विनियामक कानून विकसित किए गए हैं और देश में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स जैसे उभरते मीडिया के लिए फिलहाल कोई नियम नहीं हैं।
दरअसल हाल के दिनों में लॉकडाउन के दौरान देश में ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म्स के यूजर्स की संख्या बढ़ी है। इस कारण इन प्लेटफॉर्म्स पर कंटेट की भी बाढ़ आ गई है। कई कंटेंट को लेकर विवाद भी हुए हैं और लोगों की भावनाओं को आहत करने के आरोप लगा हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को अपने दायरे में लेने की सूचना प्रसारण मंत्रालय की पहल के पीछे यह भी एक वजह बताई जा रही है।
हाल ही में विश्व हिंदू परिषद समेत कई संस्थाओं ने ओटीटी पर हिंदू धर्म की भावना को आहत करने और स्वस्थ समाज के खिलाफ शो दिखाये जाने के आरोप लगाए थे। इस संदर्भ में विहिप ने सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए एक नियामक बनाये जाने की भी मांग की थी।
गौरतलब है कि भारत में प्लेटफॉर्म्स के हिसाब से नियामक बनाने की प्रक्रिया जारी है, लेकिन अभी तक भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए कोई नियामक नहीं है। प्रिंट, रेडियो, टीवी, फिल्म के लिये नियामक हैं, जबकि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर फिल्म रिलीज के लिए कोई नियामक नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल ओटीटी पर रिलीज होने वाली फिल्म केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के तहत नहीं आती है क्योंकि उसे एक फिल्म की तरह नहीं दिखाया जाता है। हाल ही में लॉकडाउन के दौरान नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, जी5, ऑल्ट बालाजी जैसे कई ओटीटी प्लेफॉर्म्स के सब्सक्रिप्शन में बड़ा उछाल देखा गया। लॉकडाउन के दौरान सिनेमा हॉल के बंद होने के कारण कई प्रोडक्शन हाउसेस थियेटर के बजाय सीधे ओटीटी फ्लेटफॉर्म्स पर ही रिलीज कर रहे हैं।