आतंकवादी संगठन हमास को नेस्तनाबूद करने का संकल्प ले चुके इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा-मिस्र सीमा क्षेत्र के दोबारा नियंत्रण करने का ऐलान करते हुए कहा कि गाजा क्षेत्र को सैन्यरहित करने और हमास के अंतिम आतंकवादी और उसके समर्थक को मारने तक उनकी लड़ाई चलती रहेगी और इजराइल फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर अपना पूरा नियंत्रण चाहता है।
इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि लड़ाई हमास ने शुरू की और अब इसका खात्मा इजराइल करेगा। यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक आतंकवादी संगठन हमास का हर आतंकी मार नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि मिस्र और गाजा के बीच बफर जोन के रूप में काम करने वाला फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर पूर्ण रूप से इजराइल का कब्जा होना चाहिए। उन्होंने इस कॉरिडोर को बंद करने की अपनी मंशा बताई। वह गाजा को पूरी तरह डिमिल्ट्राइज करना चाहते हैं, ताकि आने वाले समय में इजराइल के लिए कोई ‘मुसीबत पैदा ना हो।’
गाजा में घुसने से पहले बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट कर दिया था कि इजराइल की इस फिलिस्तीनी पट्टी पर कब्जे की कोई मंशा नहीं है और वह बस ‘हमास को मिटा देना चाहते हैं।’ नेतन्याहू ने कहा, “फिलाडेल्फिया कॉरिडोर या और ज्यादा स्पष्ट करूं तो गाजा का दक्षिणी स्टोपेज पॉइंट हमारे हाथ में होना चाहिए।” उन्होंने इस बारे में ज्यादा विस्तार से बात नहीं की लेकिन इजराइल ने इस क्षेत्र से 2005 में अपनी सेना वापस बुला ली थी। 1979 के युद्ध में इजराइल ने सिनाई प्रायद्वीप पर कब्जा किया था। हालांकि, शांति समझौते के तहत उसने 14 किलोमीटर क्षेत्र के फिलाडेल्फिया कॉरिडोर के अलावा सिनाई का बाकी क्षेत्र मिस्र को लौटा दिया।
कॉरिडोर पर इजराइल ने अपनी सेना तैनात कर दी लेकिन 2005 में इस क्षेत्र से अपनी सेना हटा ली। इस कॉरिडोर को फिलाडेल्फी रूट के नाम से भी जाना जाता है। यह रूट गाजा पट्टी और मिस्र सीमा के बीच बफर जोन का काम करता है। इजराइल का दावा है कि मिस्र से गाजा पट्टी में हथियारों की अवैध सप्लाई इस रास्ते से होती है। इजराइल इस क्षेत्र को रणनीतिक रूप से अपने लिए अहम मानता है।
इजराइल मानता है कि राफा क्रॉसिंग पर कब्जे के लिए इस कॉरिडोर का नियंत्रण जरूरी है, जो अरब वर्ल्ड को गाजा पट्टी से जोड़ने वाला एकमात्र सीमा क्रॉसिंग है। अगर राफा क्रॉसिंग पर इजराइल नियंत्रण कर लेता है तो वो सीधे तौर पर मिस्र की सीमा के पास अपनी सेना तैनात कर सकता है। फिलहाल कॉरिडोर को गाजा और मिस्र दोनों ही कंट्रोल कर रहे थे। अगर इजराइल कामयाब होता है तो इससे एक बार फिर इजराइल के ‘ग्रेटर इजराइल’ बनने के लक्ष्य पर बहस छिड़ सकती है।
हमास के हमले के बाद युद्ध शुरू हुआ था। करीब तीन महीने के युद्ध में गाजा में भयंकर तबाही मची है और महिलाओं और बच्चों समेत 21,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। युद्ध में 15 लाख फिलिस्तीनी बेघर हो गए हैं और इजराइली सेना मध्य और दक्षिणी गाजा में अल-ब्यूरिज, नुसीरत, मघाजी और खान यूनिस में जमीनी हमले कर रही है और उत्तर से दक्षिण तक में हवाई हमले हो रहे हैं।