दिल्ली नोएडा मुंबई में नौकरी करने वाले आज भी 80% लोग यूपी बिहार के छोटे गांव से आने वाले हैं, ये जब गांव में रहते हैं तो लोगो से मिलना सहायता करना ये सब बड़ी शान के साथ करते हैं लेकिन यही लोग जब दिल्ली नोएडा में 20 माजिल घर में 15 हजार के फ्लैट में रहने लगते हैं तो ये बाबू साहब बन जाते हैं
नीचे एक बुजुर्ग नेहरू प्लेस के बेहद बिजी बाजार में बैठे हैं 2 3 घंटे होने के बाद भी एक रुपए की बोहनी नही होती।
वहीं इसके बाहर विदेशी दुकान मैकडोनाल्ड kfc में लोग लाइन लगा कर इंतजार कर रहे हैं की जल्दी दुकान खुले और कुछ खाया जाए
ये दादा ताजा नारियल की गिरी बेच रहे हैं और एक गिरी की कीमत मुश्किल से 10 रुपए है
हद तो तब हो जाती है, जब एक महिला KFC से अपने 2 बच्चो के साथ निकलती है और हाथ में 2 कोलड्रिंक ली होती है
उनका एक बच्चा बोलता है इसे लेने को तो वो बोलती हैं नो नो इट्स डर्टी दादा बिचारे सोचते हैं की तारीफ हो रही है और बड़े ही प्रेम और आस से एक नारियल की गिरी उसके आगे करते हैं लेकिन वो महिला को ये गंदा लगता है
उसी के बाद 2 3 लड़कियों का ग्रुप स्टारबक्स से 2 3 हजार रुपए की काफी पीकर बाहर आता है, उनमें से एक लड़की हाथ में आईफोन 15 लेकर आती है और पूछती है अंकल कितने का है… दादा फिर से नारियल उठाते हैं और बोलते हैं 10 रुपए का एक फिर लड़की बोलती है ओह इट्स टू मच इतनी छोटे से टुकड़े का 10 रूपर अच्छा चलो आप 10 के 2 देदो तो मैं लेलूँ
चूँकि बोहनी का मामला था इस लिए दादा में 10 के 2 दे दिए।
अब जरा सोचिए गांव से निकले लोग जिनके मां बाप ने कड़ी मेहनत से पाई पाई जोड़ कर आपको बाहर भेजते हैं। और आप वहां जाकर बड़े बड़े रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं साथ से जीएसटी और 2 3 तरह के टैक्स, साथ में टिप देकर अपने को कूल समझते हैं, लेकिन यदि कोई बेसहारा गरीब मिल जाए जो की अपने पेट को भरने के लिए 10 रुपए का समान बेचे तो ये उन्हे लुटेरे लगते हैं
कुछ महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें रेस्टोरेंट का सड़ा खाना जिसे वो देख भी नही रही हाईजनिक लगता है, लेकिन कोई गरीब अपने हाथ से छू कर कुछ ताजा समान दे तो वो अनहिजिनिक हो जाता है।
पता नही किस ढोंग में जी रहे हैं लोग
साभार
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