दो माह से वह लगातार एक दंपति को यह ऑटो चालक तलाशता रहा. एक दिन उसकी तलाश खत्म हुई और इसके साथ ही पेश हुई ईमानदारी की एक बड़ी मिसाल. दंपति ने उम्मीद छोड़ दी थी कि उसका खो चुका एक लाख की कीमत का हार उन्हें वापस मिलेगा. लेकिन, ईमानदार ऑटो चालक अरुण शिंदे ने इस वृद्ध दंपति को खोज निकाला और हार लौटा दिया.
मुंबई के मिड डे ने खबर दी है कि 17 नवंबर को 67 साल के हंसराज खत्री अपनी 62 साल की पत्नी हीरामती के साथ घाटकोपर स्टेशन के लिए गए. वहां उन्होंने शिंदे को किराया दिया और चले गए. उन्हें बाद में पता चला कि उनका एक लाख की कीमत का हार ऑटो में ही छूट गया है. उम्र की वजह से वे ज्यादा प्रयास नहीं कर पाए और उम्मीद छोड़ कर बैठ गए.
इस बीच उस दिन काफी देर बाद अरुण शिंदे की नजर उस नेकलेस पर पड़ी. उसके अनुसार वह घाटकोपर बाजार और स्टेशन पर रोज ही उस दंपति को ढूंढता था. वे नहीं मिलते थे लेकिन उसने हार नहीं मानी और एक दिन उसकी नजर हीरामती पर पड़ी. अरुण ने हीरामती को तुरंत पहचान लिया लेकिन वो उसे नहीं पहचान पा रही थी.
पूरे दो माह बाद 17 जनवरी को वे मिले थे. अरुण उन्हें अपने साथ ले गया और उनका नेकलेस उन्हें वापस कर दिया. हीरामती और फिर उनके पति को तो इसका अंदाजा ही नहीं था. शिंदे के इस कारनामें की चर्चा घाटकोपर में काफी है. यही नहीं शिंदे ने नेकलेस लौटाने के ऐवज में कोई उपहार भी स्वीकार नहीं किया.