हिंदी फीचर फिल्म ‘ढाई आखर’ (Dhai Aakhar) को गोवा में होने वाले 54वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) 2023 के प्रतियोगिता सेक्शन में चुना गया है। प्रवीन अरोड़ा द्वारा निर्देशित व कबीर कम्युनिकेशंस और आकृति प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले निर्मित इस फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर 25 नवंबर 2023 को भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, गोवा में होगा।
इस बारे में जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, गोवा प्रीमियर में इस फिल्म की प्रतिस्पर्धा ‘कंतारा’, ‘गुलमोहर’ और 96वें ऑस्कर पुरस्कार के लिए चयनित ‘2018-एवरीवन इज ए हीरो’ जैसी फिल्मों से है। हिंदी के वरिष्ठ लेखक अमरीक सिंह दीप के उपन्यास ‘तीर्थाटन के बाद’ पर आधारित यह फिल्म हर्षिता नाम की ऐसी महिला की कहानी है, जो वर्षों तक घरेलू हिंसा और अपमानजनक वैवाहिक जीवन की शिकार रही। वह पत्रों के माध्यम से एक नामी लेखक श्रीधर के करीब आती है। लेकिन विधवा होने वजह से उनका ये संबंध पितृसत्तात्मक समाज और परिवार को स्वीकार नहीं होता। हर्षिता द्वारा अपनी पहचान को खोजने की कोशिश इस फिल्म के केंद्र में है।
क्या हर्षिता इससे जुड़ी चुनौतियों का सामना कर पाएगी? श्रीधर के साथ उसके रिश्ते के प्रति परिवार के नफरत का अंत क्या होगा? क्या दोनों का प्यार परवान चढ़ेगा? इन सभी सवालों का भावनात्मक जवाब खोजने की कोशिश है ये फिल्म।
‘ढाई आखर’ के डायरेक्टर प्रवीन अरोड़ा का कहना है कि फिल्म ‘ढाई आखर’ प्यार का एक गीत है, जो किसी के जीवन को बदलने की ताकत रखता है। इस फिल्म के माध्यम से वह दर्शाना चाहते हैं कि कैसे तमाम परिवारों में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और हिंसा को सामान्य रूप से स्वीकार कर लिया जाता है, जिससे महिलाओं के व्यक्तित्व पर गहरा और बुरा प्रभाव पड़ता है। उनका दृढ़ विश्वास है कि प्रेम में किसी को भी मुक्त करने की क्षमता है। 1980 के दशक के परिवेश में फिल्माई गई यह कहानी दर्शकों के लिए अनुभव बने, यही उनकी कोशिश रही है।
इस फिल्म में हिंदी और मराठी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री मृणाल कुलकर्णी ने हर्षिता की भूमिका निभाई हैं। इसके अलावा फिल्म और थिएटर के जाने माने अभिनेता हरीश खन्ना और प्रसिद्ध मराठी अभिनेता रोहित कोकाटे ने अहम किरदार निभाया है। ‘जिस लाहौर नई देख्या’ और फिल्म ‘गांधी गोडसे-एक युद्ध’ के प्रसिद्ध लेखक असगर वजाहत ने इस फिल्म की रूपांतरित पटकथा और संवाद लिखे हैं। फिल्म की टीम में गीतकार इरशाद कामिल, हिंदी और बंगाली संगीत निर्देशक अनुपम रॉय और गायिका कविता सेठ शामिल हैं।
इस फिल्म को उत्तराखंड के आध्यात्मिक और खूबसूरत परिवेश में फिल्माया गया है। इस फिल्म का टीजर जारी कर दिया गया है, जिसे आप यहां देख सकते हैं।