इंदौर। हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए सक्रियता से कार्यरत मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं हस्ताक्षर बदलो अभियान से भारतीय हिन्दीभाषियों को जोड़ने के उद्देश्य से सम्पूर्ण भारत में भाषासारथी बनाये जाएंगे। इस माध्यम से हिंदी को जन-जन तक पहुँचाया जाएगा। यह जानकारी संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव डॉ प्रीति सुराना ने पत्रकारवार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि यह फैसला संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ के निर्देशानुसार लिया गया है जिसमें भारत में हिंदी को स्थापित करने के लिए ग्राम, नगर प्रान्त के साथ-साथ प्रथम चरण में राज्य और जिला स्तर पर भाषासारथियों को नियुक्त किया जाएगा। भाषासारथियों का दायित्व होगा कि वे हिन्दी को विश्वस्तर पर पहचान दिलाने के लिए जुटकर हिन्दी प्रचार-प्रसार करे, हस्ताक्षर बदलो अभियान को अपने क्षेत्र में संचालित एवं प्रचारित करे, हिन्दी लेखन करने वाले साथियों को आय दिलवाने में मदद करें, हिन्दी के प्रचार हेतु अपने क्षेत्र में हिन्दी प्रेमियों का समुच्चय बनाकर प्रतियोगीताएं, कार्यक्रम आदि का संचालन करें।
हर जिले से कम से कम एक हिन्दीप्रेमी सक्रिय व्यक्ति जो स्नातक या परा स्नातक भाषा सारथी बनने के लिए अपना आवेदन ईमेल से कर सकता है, साथ ही संस्थान के अंतरताने (वेबसाइट) पर उपलब्ध ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से भी आवेदन कर सकते है। इस संबंध में केंद्रीय इकाई से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जिला स्तर पर चुने जाने वाले लोगों को मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिंदी सेवा और कार्यकलापों के संचालन हेतु प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त हिंदी प्रचार हेतु संस्थान व्याख्यान माला व शिविर भी आयोजित करेगी। भाषा सारथियों के माध्यम से आदर्श हिन्दी ग्राम निर्माण का कार्य भी किया जायेगा जिसका लक्ष्य भारत में स्वभाषाओं के अस्तित्व को बचाने के साथ साथ हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाना है।