बेंगलुरु के जकुर के एक नव निर्मित अत्याधुनिक एपार्टमेंट के ज्योति-आनंद-कश्वी भवन का गृहप्रवेश सुबह बेला में सनातनी पूजा-अर्चना के साथ संपन्न हो गया। इस अवसर पर श्री गोविन्द जी पाण्डेय, अशोक पाण्डेय, धर्म दुबे, अभिषेक ओझा, श्रीमती प्रियंका दुबे और प्रीति ओझा आदि उपस्थित थे। गौरतलब है कि आनंद पाण्डेय मास्को से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर भुवनेश्वर (ओडिशा) के विश्व विख्यात कीट डीम्ड विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री प्राप्त कर विदेश में नौकरी किए हैं।
सम्प्रति वे बेंगलुरु में डेनमार्क की एक विश्व विख्यात फार्मास्युटिकल कंपनी में मैनेजर हैं। वहीं श्रीमती ज्योति पाण्डेय बेंगलुरु केन्द्रीय विद्यालय से प्लस टू करके तथा एम टैक कर एक निजी कालेज में प्रवक्ता रह चुकी हैं। सम्प्रति वे एक कुशल गृहिणी के रूप में अपनी सुपुत्री कश्वी पाण्डेय को पढ़ा रही हैं।
यह कहना कोई अतिशयोक्ति की बात नहीं होगी कि वे कश्वी पाण्डेय के भावी उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी नौकरी छोड़ दीं। वहीं श्री गोविन्द जी पाण्डेय एअरफोर्स अधिकारी रह चुके हैं जिन्होंने अपनी संतानों की शिक्षा हेतु अपनी नौकरी का त्यागकर अपनी चारों संतानों ( बेटा महेश तथा तीन बिटिया ज्योति, प्रियंका और प्रीति) की उच्च शिक्षा प्रदान की है।
अशोक पाण्डेय आनंद पाण्डेय के पिता हैं जो राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हैं। मास्को राजदूतावास के केन्द्रीय विद्यालय में तथा जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केन्द्र पर हिन्दी व्याख्याता थे तथा भुवनेश्वर केन्द्रीय विद्यालय नं 6, पोखरीपुट से प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हैं। अपनी गृहप्रवेश प्रतिक्रिया में आनंद ने बताया कि वह अपनी पत्नी ज्योति की प्रेरणा से तथा अपनी कमाई व बड़े बुजुर्गों के आशीर्वाद से यह अत्याधुनिक एपार्टमेंट बेंगलुरु में खरीदा है। कुलमिलाकर ज्योति-आनंद-कश्वी भवन पाण्डेय परिवार के समस्त संगे संबंधियों के खुशी की बात है।