आज छोटा सा मुस्लिम देश “कतर” जिसने भारत में ही रहकर हिन्दू देवी-देवताओं के भद्दे-भद्दे चित्र बनाने वाले चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन को नागरिकता दी थी, वह आज हमको ही इस्लाम की वास्तविकता को उजागर करने वाले भारत भक्तों पर कठोर कार्यवाही करने का दबाव बना रहा है l
राष्ट्रवादियों के बल पर सत्ता सुख भोग रही भाजपा ने “कतर ” और “कुवैत ” जैसे जेहादी देशों के दबाव में आकर अपने ही समर्पित राष्ट्रवादी कार्यकर्ता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल जैसे जुझारू नेताओं को निष्कासित करके अपने करोड़ों मतदाताओं की भावनाओं को आहत किया है l
अविश्वासियों और विश्वासियों में शतकों से चल रहें सैद्धांतिक और वैचारिक संघर्ष में जब यह इस्लाम की विजय और सनातन धर्म की पराजय का कारण बनेगा तो उसका उत्तरदायी कौन होगा? भविष्य में भारत को पुनः विश्व गुरु के सिंहासन पर सुशोभित करने के लिए प्रयासरत भाजपा अपने ही उद्देश्यों और सिध्दांतों के विरुद्ध ऐसी विपरीत आत्मघाती मानसिकता के कारण क्या कभी सफल हो सकेगी ? भाजपा के ऐसे निर्णयों के कारण देश-विदेश में भारत विरोधियों, इस्लामिक शक्तियों और टुकड़े-टुकड़े गैंग की टोलियों का दुस्साहस अवश्य बढ़ेगा l
क्या सत्य सनातन वैदिक संस्कृति के वाहक अपने स्वाभिमान और अस्तित्व की रक्षार्थ अब संघर्ष नहीं करना चाहते या सत्तामद में वे अपनी शपथ भूलने लगे हैं _? सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के लिए समर्पित संघ परिवार और भारतीय जनता पार्टी को अपने आधार स्तम्भ “हिन्दू समाज” की इच्छाओं और भावनाओं का सम्मान अवश्य करना चाहिए l धर्मनिरपेक्षता का अर्थ मुस्लिम सशक्तिकरण नहीं होता और हिन्दुओं के मूलभूत अधिकारों की रक्षा से भी मुसलमानों का कोई अहित नहीं होता l
हर हिन्दू को धर्म रक्षार्थ माननीया नूपुर शर्मा जैसी वीरांगनाओं का साथ देना चाहिए और भाजपा पर दबाव बना कर उसे विवश करना चाहिए कि वह नूपुर शर्मा के निष्कासन को अविलंब वापस लेने के लिए बाध्य हो जाये l
विनोद कुमार सर्वोदय
(राष्ट्रवादी चिंतक एवं लेखक )
गाजियाबाद