उत्तर प्रदेश चुनाव से संबंधित खबरों में ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य जैसे शब्द प्रचारित हो रहे हैं। यानी पुनः खंडित हिन्दू समाज चर्चा में है। यह विपक्ष का नरेटिव है जिसका जवाब देते हुए भाजपा इस नरेटिव में फंसती दिख रही है अथवा विपक्षी नरेटिव को ही पुष्ट करती दिख रही है।
मीडिया व सोशल मीडिया में जितना ब्राह्मण व अन्य जातियों में चर्चा होगी उतना ही विपक्ष को बल मिलेगा।
सभी अनुषांगिक संगठन/ भाजपा व खासकर प्रवक्ताओं/विचारकों को चाहिए कि विवश के इस नरेटिव का खंडन करने की जगह अपने नरेटिव के साथ ही रहे।
यह बात सामने आनी चाहिए कि – जब तक हम ब्राह्मण क्षत्रिय दलित में बंटे हुए थे तब तक हमारी जमीनों पर कोई आजम खान कब्जा कर रहा था।
– जब तक हम जातियों में विभक्त थे हमारी बेटियों के साथ लव जिहाद हो रहा था।
-तब तक हमारे बच्चों की कोई मुख्तार अंसारी हत्या कर देता था।
-तब तक कोई अतीक अहमद हम पर अत्याचार करता था।
-कोई मुलायम सिंह हम राम भक्तों पर गोली चलवाता था।
-कोई हम पर झूठे केस डलवाती थी।
किन्तु 2017 में जैसे ही हम संगठित हिन्दू बने उत्तर प्रदेश के सभी अपराधी जेल में हैं। श्री राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। लव जिहाद के खिलाफ कानून है।
उपरोक्त बातें प्रवक्ताओं, आईटी सेल व मीडिया मैनेजमेंट के माध्यम से विमर्श में लाने की आवश्यकता है। उपयुक्त माध्यमों से यह बात नेतृत्व तक पहुंचाई जाए। इसके लिए प्रवक्ताओं व सोशल मीडिया के लोगों की जिम्मेवाती ज्यादा बनती है।