जम्मू और कश्मीर रियासत के चार प्रमुख हिस्से थे..जम्मू, कश्मीर, लद्दाख और गिलगित एजेंसी।
अंग्रेजी सरकार ने सोवियत संघ के खतरे को भांपते हुए 1935 में गिलगित एजेंसी को जम्मू कश्मीर रियासत से 60 साल के लिए लीज पर लिया। भारत के आज़ादी के साथ ही यह लीज खत्म हो गयी।
जम्मू कश्मीर के महाराजा ने गिलगित में अपने गवर्नर को एक छोटी से सैन्य टुकड़ी के साथ भेजा। 1913 में जम्मू कश्मीर के महाराजा ने गिलगित में एक अर्ध सैनिक बल का गठन किया था और इसका नाम था – गिलगित स्कॉउट्स। इसकी कमान अँगरेज़ अफसरों के पास थी। जब महाराजा के गवर्नर गिलगित गए तो गिलगित स्कॉउट्स ने अपने अंग्रेजी अफसरों के नेतृत्व में महाराजा के खिलाफ विद्रोह कर दिया और जम्मू कश्मीर रियासत के गवर्नर को उनके सैनिक समेत मार दिया। उसके बाद गिलगित स्कॉउट्स ने गिलगित को पाकिस्तान का क्षेत्र घोषित कर दिया।
लेकिन तब तक महाराजा हरी सिंह ने जम्मू कश्मीर का विलय भारत में कर दिया था। इसलिए भारत जम्मू और कश्मीर रियासत पर दवा करता हैं। पाकिस्तान कहता हैं की चूँकि गिलगित के लोगो ने महाराजा के खिलाफ विद्रोह किया था और 16 दिन के लिए अपनी प्रोविजनल सरकार बनायी थी और पाकिस्तान में विलय किया था। इसलिए गिलगित पाकिस्तान का हिस्सा हैं।
लेकिन सच्चाई ये है की गिलगित स्कॉउट्स का विद्रोह 1 नवंबर 1947 को हुआ था और महाराजा ने जम्मू कश्मीर का भारत में विलय 24 अक्टूबर को ही कर दिया था।
गिलगित बाल्टिस्तान का इलाका संस्कृति और भाषा कश्मीर से बिलकुल अलग हैं (ठीक उसी तरह जिस तरह जम्मू और लद्दाख कश्मीर से सांस्कृतिक रूप से अलग हैं) । गिलगित बाल्टिस्तान कभी लद्दाख की तरह कभी तिब्बत के साम्रज्य का हिस्सा रहा तो कभी मध्य एशिया के साम्राज्यों का हिस्सा रहा तो कभी भारतीय साम्राज्यों का। बाल्टी और लदाखी भाषा को तिब्बती भाषा समूह का हिस्सा माना जाता हैं। आधुनिक समय में महान योद्धा ज़ोरावर सिंह ने लद्दाख और गिलगित को जीत कर कश्मीर में मिलाया था और उन्हने तो तिब्बत पर भी असफल आक्रमण किया था। पाकिस्तान ने 1949 के करांची समझौते में ही गिलगित बाल्टिस्तान को अपने कब्जे वाले कश्मीर के अलग कर दिया था (70 साल बाद भारत ने भी लद्दाख को कश्मीर से अलग किया हैं )।
आज गिलगित बाल्टिस्तान लगभग पाकिस्तान का एक राज्य बन चुका है। जैसे लदाख और जम्मू के लोग अपने आप को कश्मीरी नहीं मानते हैं वैसे ही गिलगित बाल्टिस्तान के कश्मीरी नहीं मानते हैं। इसलिए पाकिस्तान कहता है की गिलगित बाल्टिस्तान कश्मीर का हिस्सा नहीं हैं। वही भारत का मानना हैं की पूरी जम्मू और कश्मीर रियासत पर भारत का अभिन्न अंग हैं।
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