श्रीहरिकोटा. इसरो ने एक ही राकेट से 104 उपग्रह सफलतापूर्वक लांच करके इतिहास रच दिया। इस उपलब्धि के बाद इसरो के वैज्ञानिकों को बधाइयों का ताँता लगा हुआ है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो बधाई देने के बजाय इसरो को कोस रहे हैं, और वे हैं ऑटो वाले!
असल में, ऑटो वाले इस बात से नाराज़ हैं कि इसका क्रेडिट कोई उन्हें नहीं दे रहा। उनका कहना है कि एक ही रॉकेट में 104 सैटेलाइट बिठाने का आइडिया इसरो को हम ऑटो वालों से ही मिला था। लेकिन हमारा शुक्रिया अदा करना तो दूर, इन इसरो वालों ने तो हमारा नाम तक नहीं लिया!
दिल्ली के ऑटो ड्राइवर जोगिन्दर ने फेकिंग न्यूज़ को बताया कि “इसरो ने कौन सा तीर मार लिया! ये काम तो हम बरसों से करते आ रहे हैं। देखो! अभी चार दिन पहले ही मैंने लोहे के एक छोटे से एंगल पे ही पांच सवारी बिठा दी थी। अब हमारी टेक्नीक चुराकर इसरो ने 104 ‘सेटलाइट’ आसमान में भेज दिये। अगर मुझे बुला लेते तो मैं उस रॉकेट में कम से कम 20 सेटेलाइट और बिठा देता। छोटे सेटलाइटों को बड़े वालों की गोद में बिठा देता। फिर बैग-वेग सीट के अन्दर डाल देता। फिर भी दो-चार के लिये जगह बच जाती!”
“खैर! हमें नहीं बुलाया तो कोई बात नहीं, पर इसके बदले में हमें कुछ तो मिलना चाहिए। लेकिन उन्होंने तो नाम तक नहीं लिया हमारा! क्या बताऊँ! तभी से मूड खराब है, धंधे में मन भी नहीं लग रहा। अगर सरकार ने दो दिन के अंदर हमारा क्रेडिट हमें नहीं दिलाया तो दिल्ली की ईंंट से ईंट बजा देंगे!”
वहीं, अभी-अभी ख़बर मिली है कि उस रॉकेट में 104 उपग्रहों के साथ एक वैज्ञानिक का मोबाइल भी लॉन्च हो गया है। दरअसल जब सैटेलाइट्स को रॉकेट में लोड किया जा रहा था, उस समय ये मोबाइल भी वहीं पर रखा हुआ था। लोड करने वालों ने इस उसे भी एक नैनो-सैटेलाइट समझकर खाली जगह में डाल दिया। मोबाईल सेल्फी मोड में होने की वजह से वह मोबाईल भी सैटैलाईट की सेल्फी धड़ाधड़ खींच रहा है।
साभार- http://hindi.fakingnews.firstpost.com से