चेन्नै । साल 2004 में जब तमिलनाडु में सुनामी आई तो चारों तरफ कहर बरप रहा था। क्या इंसान और क्या पशु-पक्षी, किसी को भी खाना नहीं मिल रहा था। उसी दौरान चेन्नै के रोयापेट्टा इलाके में रहने वाले कैमरा मकैनिक सी. सेकर के घर की छत पर एक तोते का जोड़ा आया और चावल चुगने लगा। आज 15 साल बाद उनके घर के छत की स्थिति यह है कि यहां रोज 6,000 तोते चावल खाने आते हैं।
सेकर को स्थानीय लोग बर्डमैन + के नाम से जानते हैं। सेकर बताते हैं, ‘मैं इस मकान में पिछले 27 साल से रह रहा हूं। मकान मालिक अब 50 साल पुरानी इमारत गिराना चाहता है, इसलिए मुझे मकान खाली करने का नोटिस दिया गया है।’ आंखों में आंसू भरकर रुंधे हुए गले से सेकर ने कहा कि अब इन तोतों को कोई और ठिकाना ढूंढना पड़ेगा।
63 वर्षीय सेकर ने बताया कि वह अपनी कमाई का आधा हिस्सा पक्षियों का पेट भरने में खर्च करते हैं। पक्षियों को रोज 30 किलो चावल खिलाते हैं। वह सुबह सोकर उठने के बाद सबसे पहले घर की छत साफ करते हैं और फिर पक्षियों को भिगोए हुए चावल छत पर डालते हैं। जब पक्षी चावल चुगकर चले जाते हैं तो वह फिर से छत की सफाई करते हैं। यह प्रक्रिया वह दो बार करते हैं।
बर्डमैन ने बताया कि छत पर आने वाले तोते जैसे ही तेज हॉर्न की आवाज या शोर सुनते हैं तो उड़ जाते हैं लेकिन कुछ ही सेकंड में वापस आकर चावल चुगने लगते हैं। उन्होंने पक्षियों के लिए छत पर जो लकड़ी के तख्ते लगाए हैं, वे उसमें बहुत ही अच्छे से बैठते हैं और अपना पेट भरते हैं। एक बार में हजारों तोते यहां आते हैं।
सेकर ने बताया कि बीते 15 वर्षों में वह एक भी दिन तोतों को खाना देना नहीं भूले। उनकी रोज की जो आमदनी होती है, वह उसमें आधा हिस्सा तोतों के खाने का निकाल देते हैं। उन्हें इसी साल फरवरी में मेघालय + के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने नॉर्थ ईस्टर्न राज्य में पक्षियों की संख्या बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया था। वह राज्यपाल से मिलने सिर्फ इसलिए नहीं गए क्योंकि अगर वह वहां जाते तो उनके तोतों को खाना नहीं मिल पाता।
बर्डमैन ने पास में देश के ऐंटीक कैमरों का सबसे बड़ा कलेक्शन है। वह अपने पक्षियों के लिए इमारत + बचाने की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि अपने पक्षियों के लिए वह इमारत खरीदने को भी तैयार हैं। उनकी आमदनी इतनी नहीं है कि वह मकान खरीद सकें। वह अपना आधा दिन और आधी कमाई तोतों के लिए समर्पित कर देते हैं। उनके पास 4500 बेशकीमती कैमरे हैं। उनकी मदद करने वाले को वह कैमरे भी देने को तैयार हैं।
मकान मालिक नीति सेल्वन ने कहा कि उनके मकान में सेकर सहित चार अन्य किराएदार + भी रहते हैं। उन सबको भी मकान खाली करने का नोटिस दिया गया है। उन्हें मकान बेचना है। अगर कोई पक्षियों को बचाने के लिए मकान खरीदना चाहता है तो वह उसे ही मकान बेचने को तैयार हैं।
साभार- टाईम्स ऑफ इंडिया से