उदयपुर । श्री अमर जैन साहित्य संस्थान उदयपुर के तत्वावधान में चित्रकूटनगर में नवनिर्मित श्री गणेश गुरु सेवा कल्पतरू गुरु गणेश धाम का महाश्रमण जिनेंद्र मुनि, तपस्वी प्रवीण मुनि, श्रमण संघीय सलाहकार दिनेश मुनि, उप प्रवर्तक विनय मुनि, उप प्रवर्तक गौतम मुनि, उप प्रवर्तक कोमल मुनि, डॉक्टर पुष्पेंद्र मुनि, महासती प्रियदर्शना, किरणप्रभा , सेवाभावी विनय प्रभा , राजश्री, विदुषी सुलक्षणा आदि ठाणा के सानिध्य में रविवार (3 अप्रैल) को लोकार्पण संपन्न हुआ।
मुख्य अतिथि राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रसंत गणेश मुनि के नजदीक रहने का उन्हें भी सौभाग्य मिला है। वह साहित्य के भंडार थे और विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। गुरुदेव की हार्दिक इच्छा थी कोई सेवा प्रकल्प चलाने की जो आज इस रूप में साकार हुआ है। कटारिया ने गुरु पुष्कर को स्मरण करते हुए कहा कि वो जब भी उनसे मिलते थे उन्हें एक ही आशीर्वाद देते थे कि चाहे किसी भी क्षेत्र में रहो जीवन में अपने चरित्र पर कोई दाग नहीं लगना चाहिए। आज उनके आशीर्वाद का ही परिणाम है कि मेरा राजनीतिक जीवन आज दिन तक बेदाग रहा है और आगे भी रहेगा।
अध्यक्ष भंवर सेठ ने बताया कि लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया एवं शहर ग्रामीण विधायक फूलसिह मीणा थे। समारोह के उद्घाटनकर्ता संजीव जैन और श्रीमती अंजू जैन दिल्ली थे। समारोह गौरव अजय कुमार एवं श्रीमती मीनू बंसल दिल्ली थे। इनके साथ ही दिल्ली से आई श्रीमती मीनू ,सूरत से आये उमेश अलका बोल्या थी। लोकार्पण समारोह में सकल समाज के प्रतिनिधि एवं गणमान्य उपस्थित थे। लोकार्पण के लाभार्थी युवारत्न उमेश,महावीर एवं परिवार थे।
इस अवसर पर महाश्रमण जिनेंद्र मुनि ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि निर्माण का काम कठिन होता है। राष्ट्रसंत गणेश मुनि की कल्पना के आधार पर ही गणेश गुरू सेवा कल्पतरू भवन का निर्माण हुआ है। उन्होंने निर्माण में सभी सहयोगकर्ताओं को मंगल आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि राष्ट्र संत गणेश मुनि की कल्पना के आधार पर ही उन्होंने गणेश गुरू सेवा कल्पतरु निर्माण का भक्तों को संकेत दिया था लेकिन जो भक्त संकेत समझ गए वह इसके निर्माण में सहयोग करने तैयार हो गया और आज यह भवन बनकर तैयार हो गया।
उपप्रवर्तक विनय मुनि जी ने कहा कि राष्ट्रसंत गणेश मुनि जी बहुत ही सादगी और विनम्रता से जीवन जीते थे। साहित्य के क्षेत्र में राष्ट्रसंत गणेश मुनि का योगदान अतुलनीय है।
श्रमण संघीय सलाहकार दिनेश मुनि महाराज ने कहा कि जिस तरह से जीवन के निर्माण में गुरु का सहयोग रहता है उसी तरह बिना गुरु सहयोग के संतों का निर्माण भी नहीं हो सकता। राष्ट्रसंत गणेश मुनि जी ने कई शिष्यों का निर्माण किया। शिष्य वही होता है जो गुरु के सपनों को साकार करता है। उपप्रत्वर्तक कोमल मुनि महाराज ने भी इस अवसर पर अपना मंगल आशीर्वाद देते हुए कहा कि राष्ट्रसंत गणेश मुनि साधना के शिखर पुरुष थे।
डॉक्टर पुष्पेंद्र मुनि ने राष्ट्र संत गणेश मुनि के जीवन के विभिन्न पहलुओ को श्रावको के सामने रखते हुए उनके व्यक्तित्व को जीवंत किया। सादगी भरे उनके जीवन में सदा प्रेम वात्सल्य श्रद्धा और समर्पण का भाव रहता था जो जन जन के लिए प्रेरणादाई रहा है और रहेगा। उन्होंने गणेश मुनि को सादगी और निर्मलता की मूरत बताया।
ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा ने कहा कि वह भी समय-समय पर संतों का सानिध्य प्राप्त करते रहते हैं। संतों के सानिध्य में सुख और आनंद की अनुभूति होती है। संतों के सानिध्य में रहते हुए उनका जीवन भी शुद्ध और सात्विक हुआ है।
प्रारम्भ में स्वागत उद्बोधन देते हुए अध्यक्ष भंवर सेठ ने अमर जैन साहित्य संस्थान की ओर से सभी पधारे हुए अतिथियों एवं समाज जनों का स्वागत किया। उन्होंने राष्ट्रसंत गणेश मुनि को विनयाजंलि देते हुए कहां कि आज गणेश गुरु सेवा कल्पतरू भवन जो आपके सामने है वह राष्ट्रसंत मुनि गणेश महाराज की कल्पना थी। इसका नामकरण भी उन्होंने ही किया था। उनकी प्रेरणा से ही आज यह भवन तैयार हो सका है। इस दौरान सेठ ने सभी दानदाताओं का धन्यवाद और हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज वह शुभ घड़ी आई है जिस घड़ी में हम यह भवन समाज को समर्पित कर रहे हैं।
भंवर सेठ ने बताया कि समारोह में अतिथियों का लाभार्थियों का पगड़ी माला एवं शॉल ओढ़ाकर स्वागत अभिनंदन किया गया। समारोह में तीन पुस्तकों का विमोचन भी हुआ। समारोह का संचालन प्रकाश नागौरी ने किया। धन्यवाद श्याम जगड़ावत ने दिया। समारोह का समापन गुरु भगवा द्वारा कराए गए मंगल पाठ से हुआ।