मोदी विरोधियों को इस एक तथ्य से भी ज़रुर परिचित हो लेना चाहिए कि चुप रहना भी एक कला है। कबीर कह ही गए हैं : अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप, / अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप। यू ट्यूबर टाइप बीमार लोगों समेत कुछ संपादकों को भी जान लेना चाहिए कि वह संपादक हैं , सम-पादक नहीं। जान लीजिए कि जी -20 ने भारत और नरेंद्र मोदी की कीर्ति में बेतहाशा इज़ाफ़ा किया है। नरेंद्र मोदी और भारत विश्व में सूर्य की तरह दमक रहे हैं। इन्हें दमकने दीजिए। विरोध और निंदा के लिए बहुतेरे विषय हैं। जी -20 के आयोजन और उस की सफलता पर गर्व करना सीखिए। सूर्य पर थूकने से बाज आइए। जिस जी -20 पर समूची दुनिया गर्व कर रही है , आप उस में छेद खोज-खोज कर , विष-वमन कर ख़ुद को अपमानित कर रहे हैं। मत सम्मान कीजिए भारत और नरेंद्र मोदी का पर मुसलसल अपना अपमान भी मत कीजिए।
कोणार्क और नालंदा के प्रतीक को समझिए। यह बहुत बड़ा प्रतीक है और संदेश भी। आप अगर इस संदेश को अभी तक नहीं समझ पाए हैं तो राजघाट पर साबरमती आश्रम के प्रतीक और संदेश को ही समझ लीजिए। एक साथ इतने सारे राष्ट्राध्यक्ष गांधी समाधि पर कभी एक साथ सिर झुकाने नहीं गए। आज ही गए। यू के , यू एस , अरब देश , अफ्रीकी यूनियन सहित सभी भारत की कूटनीति के आगे नतमस्तक हैं। चीन के भी सुर बदल गए हैं। फिर भी आप अगर इतने विक्षिप्त हो गए हैं कि यह सारा कुछ जो दो दिन में सहसा घट गया है , और इस बड़ी घटना को नहीं समझ पा रहे हैं तो भी कोई दिक़्क़त नहीं है। मौज़ कीजिए।
पर जो इसी तरह अपना सिर दीवार में अकारण मारते रहेंगे तो सिर आप का ही फूटेगा। नुकसान आप का ही होगा। कोणार्क सिर्फ़ एक चक्र भर नहीं है। सूर्य बन पूरी पृथ्वी को रौशनी देने वाला चक्र है। गरमी-बरसात-सर्दी बताने वाला भी। नालंदा सिर्फ़ एक विश्वविद्यालय नहीं है। विद्या और ज्ञान की पुरातन क्षमता का एहसास है। साबरमती सिर्फ़ आश्रम नहीं है , शांति और अहिंसा का संदेश है। भारत के गौरव और ऐश्वर्य का यह दर्पण है। जी-20 के बहाने भारत के इस दर्पण को निहारना सुखद है। नालंदा के पुस्तकालय में खिलजी ने आग लगाई थी। अब वही आग आप अपनी हताशा में अपने भीतर लगाए बैठे हैं। मोदी विरोध की बीमारी में झुलस कर अपने भीतर के नालंदा को क्यों जला रहे हैं। बचिए इस आग को लगाने से। बचाइए अपने भीतर के नालंदा को। यूक्रेन युद्ध की आग में झुलस रहा है। लेकिन आज देखा कि एक यूक्रेनी डेलीगेट जाकेट ख़रीद और पहन कर किसी को बता रहा था कि , यस मोदी जाकेट ! अच्छा अक्षर धाम मंदिर में मत्था टेक कर नारायण का दर्शन करने वाले ब्रिटेन का प्रधानमंत्री भी आप को नहीं दिखा ? इस संदेश को भी आप नहीं समझ पाए ? चश्मा बदलिए और इस शक्ति को समझिए।
सनातन की शक्ति यही तो है।
नरेंद्र मोदी और भारत अब आप के लिए चीन की दीवार से भी बड़ी दीवार बन कर उपस्थित हैं। भारत से यूरोप तक जो आर्थिक कारीडोर बनाने की राह बनी है , इसे क्या समझते हैं आप ? पाकिस्तान की राह पर चीन को अनायास धकेल दिया है मोदी के इस मास्टरस्ट्रोक ने। जी-20 की अध्यक्षता और मेज़बानी के अन्य अनेक संदेश हैं। वसुधैव कुटुंबकम की खिल्ली उड़ाने में आप की उस्तादी किसी से छुपी नहीं है। पर यह देखिए कि दुनिया इसी वसुधैव कुटुंबकम के सूत्र में बंध गई है। ऐसे जैसे किसी रक्षाबंधन पर बहन राखी बांध कर भाई से अपने संबंध को ताक़त और ताज़गी से भर लेती है। तो ठीक वैसे ही बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर अब दुनिया के सामने इसी वसुधैव कुटुंबकम के सूत्र में बंध कर। भारत के साथ बिना किसी हिच के समूची दुनिया क़दमताल कर रही है।
नरेंद्र मोदी बहुत बड़े इवेंट मैनेजर हैं , यह बात उन के विरोधी भी तंज में अकसर कहते ही रहते हैं। मोदी के इन निंदकों को अब जान लेना चाहिए कि नरेंद्र मोदी इवेंट मैनेजर तो हैं ही बड़े , मेज़बान और कूटनीतिज्ञ भी बहुत बड़े हैं। अब यह एक तथ्य है और सत्य भी। विश्व गुरु का तंज भी कसिए ज़रुर , और ज़ोर से कसिए , पूरी ताक़त से कसिए। पर नरेंद्र मोदी ने आज साबित कर दिया है कि विश्व गुरु किसे कहते हैं। गांधी समाधि पर सभी राष्ट्राध्यक्षों की अगुवाई करते मोदी को देख कर आप की तो छाती फट गई होगी। पर मनोज कुमार की फ़िल्म पूरब और पश्चिम के लिए इंदीवर के लिखे , कल्याण जी -आनंद जी के संगीत में महेंद्र कपूर के गाए गीत भारत का रहने वाला हूं / भारत की बात सुनाता हूं , के साथ मोदी का यह वीडियो वायरल हो गया है। सब को मालूम है कि अब आप खीझ कर एक बार फिर गोडसे और सावरकर को फिर से धो-पोंछ कर गरियाने के लिए निकाल लेंगे। शी जिनपिंग की तरह कुढ़ कर आंख चुराने के लिए अब आप के पास रह भी क्या गया है भला। भारत के गौरव से आप की यही चिढ़ , मोदी को निरंतर मज़बूत करती रहती है। इस तथ्य से , इस सत्य से जाने कब आप का साक्षात्कार होगा भला। होगा भी कि नहीं , कौन जाने !
फिर भी लीजिए मनोज कुमार की फ़िल्म पूरब और पश्चिम के लिए इंदीवर के लिखे , कल्याण जी -आनंद जी के संगीत में महेंद्र कपूर के गाए गीत भारत का रहने वाला हूं / भारत की बात सुनाता हूं , गीत को यहां पूरा पढ़िए , सुनिए और भारत के दर्पण में ख़ुद को देख कर चुपके से एक बार इतरा भी लीजिए। आनंद मिलेगा। निर्मल आनंद। बाक़ी इंडिया रत्न बन कर भी सीना तान लीजिएगा। कोई हर्ज नहीं। कौन रोकता है भला !
जब जीरो दिया मेरे भारत ने
भारत ने मेरे भारत ने
दुनिया को तब गिनती आयी
तारों की भाषा भारत ने
दुनिया को पहले सिखलायी
देता ना दशमलव भारत तो
यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था
धरती और चाँद की दूरी का
अंदाजा लगाना मुश्किल था
सभ्यता जहाँ पहले आयी
पहले जनमी है जहाँ पे कला
अपना भारत वो भारत है
जिसके पीछे संसार चला
संसार चला और आगे बढ़ा
यूँ आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया
भगवान करे ये और बढ़े
बढ़ता ही रहे और फूले फले
होहो होहो हो हो
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
मैं गीत वहाँ के गाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
होहो होहो हो हो
काले-गोरे का भेद नहीं
हर दिल से हमारा नाता है
कुछ और न आता हो हमको
हमें प्यार निभाना आता है
जिसे मान चुकी सारी दुनिया
हो जिसे मान चुकी सारी दुनिया
मैं बात
मैं बात वो ही दोहराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
जीते हो किसी ने देश तो क्या
हमने तो दिलों को जीता है
जहाँ राम अभी तक है नर में
नारी में अभी तक सीता है
इतने पावन हैं लोग जहाँ
हो इतने पावन हैं लोग जहाँ
मैं नित नित
मैं नित नित शीश झुकाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
होहो होहो हो हो
इतनी ममता नदियों को भी
जहाँ माता कह के बुलाते हैं
इतना आदर इन्सान तो क्या
पत्थर भी पूजे जाते हैं
इस धरती पे मैंने जनम लिया
हो इस धरती पे मैंने जनम लिया
ये सोच
ये सोच के मैं इतराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
होहो होहो हो हो