लंदन। सदस्यता लेने से वंचित किए जाने से नाराज भारतीय मूल के अरबपति ब्रिटिश कारोबारी रमिंदर सिंह रैंगर ने हाउस ऑफ लॉड्र्स को अदालत में घसीट लिया है। भारतवंशी रैंगर का आरोप है कि गलत, झूठी और भेदभावपूर्ण जानकारियों के जरिये उन्हें दो बार हाउस आफ लॉर्ड्स की सदस्यता लेने से रोक दिया गया।
लंदन के द संडे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रैंगर ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर जानना चाहा है कि गैर राजनीतिक सदस्यता वाले पीपुल्स पीयर्स के रूप में उनकी नियुक्ति को दो बार क्यों रोका गया। पीपुल्स पीयर्स को ब्रिटिश संसद के ऊपरी सदन हाउस ऑफ लॉड्र्स में २००० में स्थापित किया गया था।
एक्सपोर्ट कंपनी सन मार्क लिमिटेड के मालिक रैंगर की संपत्ति ९.५ करोड़ पौंड (५८४ करोड़ रुपए) बताई जाती है। वह प्रिंस चार्ल्स ट्रस्ट के अलावा कई सामाजिक कार्यों में योगदान देते रहे हैं। उनके वकील ने हाई कोर्ट से कहा कि रैंगर अब ब्रिटिश लोगों के लिए और ज्यादा करना चाहते हैं। जुलाई, २००७ में उनकी पहली याचिका दूसरे दौर तक गई थी जबकि अगस्त, २०१० में दूसरी बार इसे तुरंत ही खारिज कर दिया गया। रैंगर का आरोप है कि हाउस ऑफ लॉड्र्स की नियुक्ति समिति में उनके खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाया जा रहा है।