Saturday, January 11, 2025
spot_img
Homeखबरेंभारतीय नेतओं को समर्पित-त्वमेव भ्रष्टम, निकृष्टम त्वमेव

भारतीय नेतओं को समर्पित-त्वमेव भ्रष्टम, निकृष्टम त्वमेव

त्वमेव भ्रष्टम, निकृष्टम त्वमेव
त्वमेव धूर्तम, दुष्टा त्वमेव
त्वमेव निर्बुध्दि, दुर्बुध्दि त्वमेव
त्वमेव सर्व पाप मूलं भ्रष्टम श्रेष्ठम

संस्कृत का मूल श्लोक जिस पर ये पैरोडी बनाई गई है

त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव,
त्वमेव विद्या, द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्वं ममः देवदेवा ||

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार