पैंतीस वर्षीय सुखविंदर कौर, जो पूर्वी गिप्सलैंड क्षेत्र की रहने वाली है, ने अपनी बहन, जो कि कोमा में है, से मिलने के लिए आने वाली थी। लेकिन उन्होंने अपनी यह यात्रा रद्द कर दी। क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में बीते दिनों झाड़ियों में लगी आग ने तांडव मचाते हुए काफी जान-माल का नुकसान किया था। तब कौर ने आग से पीड़ितों की मदद करनी की ठानी। एसबीएस पंजाबी से बातचीत में उन्होंने कहा, “मुझे एहसास हुआ कि मेरा पहला कर्तव्य यहाँ के समुदाय के प्रति है जहाँ मैं इतने लंबे समय तक रही हूँ। अगर मैंने इतने कठिन समय के दौरान लोगों को यहां छोड़ दिया, तो मुझे नहीं लगता कि मैं खुद को एक अच्छा इंसान कह सकती हूं।”
सुखविंदर सिख वॉलंटियर्स ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर खाना बांटने का काम कर रही हैं। डेली मेल के अनुसार, सुखविंदर का दिन सुबह 5 बजे शुरू होता है और रात 11 बजे समाप्त होता है, जिसके बाद वह रसोई से सटे एक कमरे में चली जाती है और अगले दिन फिर से शुरू होती है। पीड़ितों की मदद करने के अपने शुरुआती दिनों के बारे में एसबीएस पंजाबी को बताते हुए सुखविंदर ने कहा, “शुरुआत में, हमारे भोजन वैन में आने वाले सौ लोगों तक थे, लेकिन पिछले तीन-चार दिनों में, ऐसे कई और लोग हैं जो अपने घरों से भोजन करने के लिए खाली हो गए हैं। इसलिए, इन दिनों, हम हर दिन एक हजार तक भोजन तैयार कर रहे हैं।” सुखविंदर 30 दिसंबर से बैरन्सडेल ओवल में पीड़ितों की मदद कर रही हैं।
यहां, अधिकारियों ने पीड़ितों के लिए अस्थायी राहत आश्रय स्थल बनाए हैं। उनके समर्पण और प्रतिबद्धता को देखते हुए, विक्टोरियन प्रीमियर डैनियल एंड्रयूज ने उनके प्रयासों और स्वयंसेवकों की सराहना करने के लिए ट्विट किया है। उन्होंने आगे कहा, “बहुत से लोगों ने कहा कि उन्हें भोजन पसंद आया, यह स्वादिष्ट था। मैं भगवान की शुक्रगुजार हूं कि मुझे समुदाय की सेवा करने की अनुमति दी गई। मैं विशेष रूप से खुश महसूस करती हूं जब मैं देखती हूं कि कोई भी खाना बर्बाद नहीं हुआ है और इसका उपयोग समुदाय में किया जाता है।”
(संपादन व अनुवाद रविकांत पारीक )
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