इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएसएफएफआई)-2020 में देश एवं दुनिया की कुल 20 फिल्मों को पुरस्कार मिला है। आईएसएफएफआई का आयोजन 22-25 दिसंबर तक चले इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के 6वें संस्करण के प्रमुख घटक के रूप में आयोजित किया गया था। इस साइंस फिल्म फेस्टिवल में छह फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय और 14 फिल्मों को राष्ट्रीय श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है।
अंतराष्ट्रीय श्रेणी में, ‘आत्मनिर्भर भारत और/या विश्व कल्याण के लिए विज्ञान’ विषय पर केंद्रित फिल्म का सर्वोच्च पुरस्कार जर्मनी के एंड्रयूज एवेल्स द्वारा निर्देशित अंग्रेजी भाषा की फिल्म ‘द इंस़ेक्ट रेस्क्यूअर्स’ को मिला है। जबकि, इसी वर्ग में, ‘विज्ञान तथा कोविड-19 पर जागरूकता और अन्य स्वास्थ्य आपात स्थितियां’ विषय पर केंद्रित समारोह का सर्वोच्च पुरस्कार ईरान के अश्कान हतामी द्वारा निर्देशित पारसी भाषा की फिल्म ‘नाइट नर्स’ को मिला है।
तीन फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में जूरी पुरस्कार प्रदान किए गए हैं, जिसमें यू.के. की क्रिस्टिना क्यूका द्वारा निर्देशित अंग्रेजी फिल्म ‘ए नेचुरल कोड’, ऑस्ट्रेलिया के राधेया जेगथेवा द्वारा निर्देशित अंग्रेजी फिल्म ‘आइरनी’ और ईरान के हसन मुख्तारी द्वारा निर्देशित बिना डायलॉग की फिल्म ‘कीप योर स्माइल’ शामिल है। इसी वर्ग में, एक विशेष जूरी पुरस्कार इटली के विटोरियो कैरेतोज्जोलो ऐंड क्लास-3ए द्वारा निर्देशित फिल्म इतालवी भाषा की फिल्म ‘केमिकल इंडस्ट्रीज वर्सेज कोविड-19’ को मिला है। अंतरराष्ट्रीय वर्ग में पुरस्कृत सभी फिल्मों को ट्रॉफी एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।
भारतीय फिल्म वर्ग में पुरस्कार दो श्रेणियों के अंतर्गत प्रदान किए गए हैं, जिनमें स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं और कॉलेज / स्कूली छात्रों की फिल्में शामिल हैं।
स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं द्वारा निर्मित फिल्मों में अंग्रेजी फिल्म ‘द ट्रायल्स ऐंड ट्रिअम्फ्स ऑफ जी.एन. रामचंद्रन’, जिसका निर्माण विवेक कन्नादी और निर्देशन राहुल अय्यर द्वारा किया गया है, को ‘आत्मनिर्भर भारत और / या वैश्विक कल्याण के लिए विज्ञान’ विषय पर समारोह का सर्वोच्च पुरस्कार मिला है। ‘कोविड-19 जागरूकता तथा विज्ञान और अन्य स्वास्थ्य आपात स्थितियां’ विषय पर बीकन टेलीविजन द्वारा निर्मित और सीमा मुरलीधरा द्वारा निर्देशित हिंदी फिल्म `राजा, रानी और वायरस’ को भी स्वतंत्र फिल्मकारों की श्रेणी में समारोह का सर्वोच्च पुरस्कार दिया गया है। इन दोनों पुरस्कारों के रूप में प्रत्येक को एक लाख रुपये नकद, ट्रॉफी और प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।
भारतीय नागरिकों की स्वतंत्र फिल्मकारों की श्रेणी में जी.एस. उन्नीकृष्णन नायर द्वारा निर्देशित मलयालम फिल्म ‘रिटर्न ऑफ द होली ग्रेन’, सीमा मुरलीधरा द्वारा निर्देशित अंग्रेजी फिल्म ‘वर्थ देअर सॉल्ट’, अंशुल सिन्हा द्वारा निर्देशित अंग्रेजी फिल्म ‘हयूमन्स वर्सेज कोरोना’और डार्क स्टूडियो द्वारा निर्मित एवं राकेश मोइरंगथम द्वारा निर्देशित संवाद रहित फिल्म ‘माई मॉम’ को जूरी पुरस्कार प्रदान किया गया है। इस श्रेणी में, जूरी पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपये नकद, ट्रॉफी और प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। इसी श्रेणी में तीन विशेष जूरी पुरस्कार भी प्रदान किए गए हैं। विशेष जूरी पुरस्कार प्राप्त फिल्मों में राजकुमार द्वारा निर्देशित तमिल ‘इफ एवरीबॉडी लाइक दिस…!’, साजीद नादुथोडी द्वारा निर्देशित ‘मैंग्रोव्सः नेचर्स हार्डी फूट सोल्जर्स’और जी.एस. उन्नीकृष्णन द्वारा निर्देशित मलयालम फिल्म ‘द चेरुवयल रामन इफेक्ट’ शामिल हैं। विशेष जूरी पुरस्कार के रूप में ट्रॉफी एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।
भारतीय नागरिकों की स्कूल / कॉलेजों द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत और / या विश्व कल्याण के लिए विज्ञान’ विषय पर निर्मित फिल्मों के लिए फेस्टिवल का सर्वोच्च पुरस्कार दो फिल्मों को संयुक्त रूप से दिया गया है, जिसमें आदित्य द्वारा निर्देशित अंग्रेजी फिल्म ‘क्रॉकिंग फ्रॉग्स’ और राहुल कुमार द्वारा निर्देशित फिल्म ‘कैचिंग द सन’ शामिल है। इसके अंतर्गत पुरस्कार स्वरूप प्रत्येक विजेता को 37,500 रुपये नकद, टॉफी और प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।
स्कूली एवं कॉलेज छात्रों के वर्ग में, ‘विज्ञान तथा कोविड-19 पर जागरूकता और अन्य स्वास्थ्य आपात स्थितियां’ विषय पर केंद्रित समारोह का सर्वोच्च पुरस्कार नीलू शर्मा द्वारा निर्देशित हिंदी फिल्म ‘कैन ब्रेक कैंसर’ को मिला है। इस पुरस्कार के रूप में 75,000 रुपये नकद, टॉफी और प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। इसके अलावा, दो जूरी पुरस्कार संटू कुमार द्वारा निर्देशित हिंदी फिल्म ‘मास्क’ और मोमिता मजूमदार की अंग्रेजी फिल्म ‘कोरोना एट डोरस्टेप’ को दिया गया है। इसके तहत प्रत्येक विजेता को 35,000 रुपये नकद, ट्रॉफी एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।