हैदराबाद। हिंदी साहित्य सृजन और समीक्षा के लिए समर्पित संस्था ‘साहित्य मंथन’ के तत्वावधान में स्तरीय हिंदी शोधकार्य को सामने लाने के उद्देश्य से प्रकाशित शोधपत्र संग्रहों की शृंखला में ‘अभिनव विमर्श’ नाम से तीसरे संग्रह के प्रकाशन की घोषणा की गई है। इस प्रायोजना के निदेशक प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने बताया कि इससे पहले ‘संकल्पना’ और ‘अन्वेषी’ के रूप में दो संग्रह प्रकाशित किए जा चुके हैं जिनका शोधार्थियों और शोधनिर्देशकों ने खुले मन से स्वागत किया है।
डॉ. शर्मा ने आगे बताया कि परस्पर सहयोग पर आधारित इस अव्यावसायिक प्रायोजना के अंतर्गत प्रतिष्ठित विद्वानों, प्राध्यापकों और आचार्यों के साथ-साथ हिंदी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में अनुसंधानरत एम.फिल. और पीएच.डी. के शोधार्थी शामिल हो सकते हैं। इस पुस्तक में शोधप्रविधि और शोधप्रक्रिया संबंधी सामग्री भी प्रकाशित की जाएगी। साथ ही शोधप्रबंध लेखन के अंतरराष्ट्रीय प्रारूपों का सोदाहरण परिचय भी दिया जाएगा। मौलिक एवं अप्रकाशित शोधपत्र ‘अभिनव विमर्श’ की संपादक डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा को srisahitiprakashan@yahoo.com पर ईमेल द्वारा भेजे जा सकते हैं। इसकी अंतिम तिथि 31 मार्च, 2017 है।
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डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा
श्रीसहिती प्रकाशन
संपादक ‘अभिनव विमर्श’
303, मेधा टॉवर्स, राधाकृष्ण नगर
अत्तापुर, हैदराबाद – 500048
ईमेल : srisahitiprakashan@yahoo.com
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