नई दिल्ली। साधारण बीमा कंपनियां किसानों को फसल बीमा के दावे से जुड़े विवरण हिंदी और अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराएंगी। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने कहा कि फसल बीमा दावा पर उसे कई तरह की शिकायतें और सुझाव मिले हैं। नियामक ने एक सर्कुलर जारी कर कहा कि फसल बीमा योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू किए जाने की जरूरत है।
आईआरडीएआई ने कहा कि बीमा कंपनियों को व्यक्तिगत नुकसान के आकलन के सभी अनुरोधों को पंजीकृत करने के लिए एक ठोस प्रणाली स्थापित करनी चाहिए। यदि किसी व्यक्तिगत नुकसान आकलन को खारिज किया जाता है, तो बीमाधारक को एक पत्र भेजकर उसे बताया जाना चाहिए कि आकलन को खारिज करने का कारण क्या है।
बीमा क्षेत्र के नियामक ने कहा कि बीमा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी कॉल सेंटर्स या टोल-फ्री नंबर्स पर हिंदी और अंग्रेजी के अलावा राज्य की आधिकारिक भाषा में भी जवाब दिए जाने की व्यवस्था हो।
किसानों के लाभ के लिए बीमा कंपनियों के वेबसाइट पर क्षेत्रीय भाषा में फसल बीमा से जुड़े विवरण उपलब्ध होने चाहिए।
नियामक ने यह भी कहा कि योजना के दिशानिर्देशों, दावे की निस्तारण प्रक्रिया और शिकायत निपटान प्रक्रिया पर किसानों को शिक्षित करने के लिए व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए।