आपकी हमारी जिंदगी में शुमार एटीएम पचास साल का हो गया है। 27 जून 1967 को ब्रिटेन के उत्तरी लंदन में पहली बार एटीएम को लॉन्च किया गया था। बार्कलेज बैंक की इनफील्ड शाखा ने पहली बार 6 एटीएम मशीनों का इस्तेमाल किया था। एटीएम बनाने का आइडिया सबसे पहले स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक शेफर्ड बैरन को आया था। एटीएम के आविष्कार की कहानी बड़ी दिलचस्प है, दरअसल शेफर्ड बैरन अखबार छापने वाली एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करते थे। सन 1900 की शुरुआत में इसी कंपनी ने नोट भी छापने शुरू कर दिये। एक बार उन्हें बैंक से पैसे निकालने की जरूरत पड़ी। दिन शनिवार का था। शेफर्ड बैंक पहुंचते-पहुंचते एक मिनट लेट हो गये। बैंक बंद हो गया था और उन्हें पैसा नहीं मिला। इस घटना के बाद वे इतने चिढ़ गये कि ब्रिटिश बैंक बार्कलेज को एटीएम बनाने की सलाह दे डाली। इसके बाद 2 साल के लंबे मेहनत और इंजीनियरिंग के बाद शेफर्ड बैरन की प्रिटिंग प्रेस कंपनी डे ला रुए इंस्ट्रूमेंट्स और बार्कलेज बैंक ने एटीएम बनाया। उस समय एटीएम तो बन गया था लेकिन डेबिट कार्ड नहीं बना था लोग एक फॉर्म और पिन नंबर का इस्तेमाल कर पैसे निकालते थे। लिहाजा लोगों को ये तरीका ज्यादा पसंद नहीं आया। लेकिन जब 1970 में डेबिट कार्ड तो एटीएम से लेन-देन बेहद आसान और कस्टमर फ्रेंडली हो गया।
(लंदन के इनफील्ड में इस स्थान पर दुनिया का पहला ATM बार्कलेज बैंक द्वारा लगाया गया था Photo-Reuters)
तब से लेकर आजतक हमारे नगद-नारायण को संभालकर रखने वाली इस मशीन ने काफी लंबा सफर तय किया है। आज ऑनलाइन बैंकिंग के बढ़ते प्रभाव के बावजूद दुनिया में करोंडों लोग रोजाना एटीएम का इस्तेमाल करते हैं। एटीएम के इस रोमांचक सफर को याद करने के लिए बार्कलेज बैंक ने जिस जगह पर दुनिया का सबसे पहले ATM लगाया गया था उसे सोने से मढ़ दिया है, और एटीएम के सामने रेड कार्पेट बिछाकर ग्राहकों का स्वागत किया गया है। दुनिया में एटीएम से सबसे पहले पैसे निकालने वाले शख्स थे ब्रिटिश एक्टर रेग वार्ने। क्या आप जानते हैं इस वक्त दुनिया में लगभग 30 लाख एटीएम हैं, और ये तादाद रोजाना बढ़ रही है। दुनिया के सबसे उत्तरी छोर पर स्थित एटीएम नार्वे के लॉन्गइयरबेन में है, जबकि दुनिया सुदूर दक्षिण छोर पर स्थित एटीएण दक्षिणी पोल के मैकमुर्डो स्टेशन पर है।
बात भारत की करें तो यहां पीएम नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद एटीएम की संख्या की बढ़ोतरी में कमी आई है। मई 2014 से लेकर अप्रैल 2017 तक भारत में एटीएम की संख्या महज 26 फीसदी बढ़ी, जबकि यूपीए शासन के दौरान अप्रैल 2011 से लेकर अप्रैल 2014 तक एटीएम की संख्या में 114 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। हालांकि एटीएम विकास का ये ट्रेंड मोदी सरकार की उस नीति के मुताबिक है जहां मोदी सरकार देश को कैशलेस सोसायटी के रुप में विकसित करना चाहती है।
साभार- इंडियन एक्सप्रेस से