भोपाल। इकबाल मरकज मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी, संस्कृति विभाग के तत्वावधान में मुल्ला रमूजी संस्कृति भवन में आयोजित इकबाल समारोह में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें कक्षा पांचवीं से आठवीं तक की वर्ग अ टीम ने विषय हिमालय पर चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार अंजली बारिया ने रूपये 2,000/- का द्वितीय पुरस्कार आलिया असलम ने रूपये 1,500/- का, तृतीय पुरस्कार अबान अली ने रूपये 1,000/- का जीता इसके अतिरिक्त पाँच अन्य प्रतियोगियों ने रूपये पाँच-पाँच सौ के विशेष पुरस्कार जीते ।
कक्षा 9 से 12 वीं तक की वर्ग ब की टीम ने गाय और बकरी विषय पर चित्रकला में प्रथम पुरस्कार अंशी मोदी ने रूपये 2,000/- का, द्वितीय पुरस्कार विभोर गढ़वाल ने रूपये 1,500/- का, तृतीय पुरस्कार सचिन मीना ने रूपये 1,000/- का जीता । इसके अतिरिक्त पाँच अन्य प्रतियोगियों ने रूपये पाँच-पाँच सौ के विशेष पुरस्कार जीते ।
वर्ग स में कालेज के प्रतिभागियों में प्रथम पुरस्कार साबिर ने रूपये 2,500/- का, द्वितीय पुरस्कार गजेन्द्र राठौर ने रूपये 2,000/- का, तृतीय पुरस्कार अवनीश सोनी ने रूपये 1,500/- का जीता । इसके अतिरिक्त पाँच अन्य प्रतियोगियों ने रूपये पाँच-पाँच सौ के विशेष पुरस्कार जीते । इस प्रतियोगिता के निर्णायक श्री रहीम, श्रीमती शुभा भट्टी एवं डॉ0 साजिद प्रेमी थे ।
चित्रकला प्रतियोगिता में भोपाल के 20 से अधिक स्कूलों के 300 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया साथ ही तीन महाविद्यालयों के छात्र-छात्रायें भी शामिल हुए ।
चित्रकला प्रतियोगिता के उपरांत दोपहर दो बजे बैतबाजी प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसकी मुख्य अतिथि श्रीमती वंदना पाण्डेय, उपसंचालक, संस्कृति संचालनालय थीं । इस प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों की आठ टीमों ने भाग लिया । इस प्रतियोगिता में टीम क्रमांक 7 ने प्रथम पुरस्कार रूपये 2,500/- का जीता इस टीम में श्री मोहम्मद जफर खान और खालिद खान थे । दूसरा पुरस्कार रूपये 2,000/- का टीम नं0 6 ने जीता इस टीम में शाह आलम खान और मोहम्मद सलीम थे । टीम नं0 5 ने तृतीय पुरस्कार रूपये 1,500/- का जीता । इस टीम में शकील खान और सलमान अंसारी थे । अच्छे और मय्यारी अशआर पढ़ने पर विशेष प्रतिभा पुरस्कार रूपये 1,000/- का टीम नं0 6 के प्रतिभागी श्री मोहम्मद सलीम को दिया गया ।
इस प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ. परवीन कैफ, श्री फारूक अंजुम और श्री मलिक नवेद थे । बैतबाजी का संचालन शायर श्री बद्र वास्ती ने किया