*बात 2005 की है हमारे फार्म से एक गाय और एक भैंस चोरी हो गई। उस गाय भैस को हर हालत और हर क़ीमत में ढूँढने के लिए लग गये क्योंकि अगर ख़ामोश बैठते तो आगे और चोरियाँ होती रहती और दबाव भी था किसी भी हालत में चोर पकड़ा जाए।*
तभी किसी ने सलाह दी कि मथुरा में फ़रह के पास नगला चन्द्रभान से आगे एक गाँव है परखम वहाँ एक आदमी है जो बिना बताये पर्चे पर नाम और समस्या लिख देता है और समाधान भी दे देता है। उस समय बरेली के SSP भी उसी गाँव के थे। जब उनसे बात की तो वह हँसे और बोले वह फ़्रॉड है।
तब भी जिज्ञासा और चोर को जानने के लिए वहाँ गये। एक कमरे में वह बैठा था। उसके पास जाकर बैठ गये उसने एक पर्ची लिखी और बोला अगर यह सही है तो आगे बताएगा और उस की फ़ीस 1100 रुपये होगी। अगर पर्ची ग़लत है तो कोई पैसे नहीं लेगा। उसने पर्ची मुझे दी उसमें लिखा मेरा नाम लिखा था कहाँ से आया हूँ वह लिखा था और क्यों आया हूँ वह लिखा था।
हम हैरान थे जो पर्चे में लिखा था वह सच था। अब चोर का नाम सुनने की जल्दी थी। उसे रुपये दिये गये। जब उसने चोर का नाम लिखा तो हम हैरान थे वह हमारे नौकर और उसके चाचा का नाम था। हमें अंदाज़ा भी नहीं था। और उसने यह भी बताया भैंस कहाँ मिलेगी।
तुरंत नौकर को पकड़ कर पूछा तो पता चला उसका चाचा उस रात फ़ार्म पर आया था और वह उसी दिन जेल से छूटा था वह भी भैंस चोरी के एक मामले में। चोरी तो खुल गई लेकिन जहाँ भैंस बताई वहाँ नहीं मिली। हम लोग बहुत दिन तक ढूँढते रहे। लेकिन गाय मिल गई।
अब सवाल था कि यह कैसे हुआ ? कैसे होता है ? वह साधारण सा व्यक्ति जो दीवार पर लगी एक छोटी सी मूर्ति से देख कर बात करता था और पर्चे पर लिख कर दे देता था। मुझ जैसे तार्किक को भी यह रहस्य समझ नहीं आया। लेकिन जिज्ञासा थी जानने की। कई लोगों से इस बारे में बात की। कई धार्मिक और तांत्रिक लोग भी इसमें शामिल थे।
निष्कर्ष यह निकला एक सिद्धि होती है कर्णपिशाचनी नाम की जो 30 दिन में सिद्ध हो जाती है। यह सिद्धि में सामने वाले के जीवन के बारे में सब पता चल जाता है। यहाँ तक की उसने क्या खाया है थोड़ी देर पहले। उसके रिश्तेदार के नाम उसकी समस्या आदि आदि। लेकिन इस सिद्धि को जानने वाला भविष्य के अगले पल के बारे में नहीं जानता। यह भूत वक्ता है न कि भविष्य वक्ता। उसके लिए अलग सिद्धियाँ है। और सबसे बड़ी सिद्धि है परमहंस , जो भूत वर्तमान भविष्य के बारे में जानते है।
आजकल चर्चा में यह विषय है इसलिए लिखा। यह किसी की भावनाओं के ख़िलाफ़ नहीं। यह एक साधना है। जिसके द्वारा आप सब जान सकते हो। मैं ऐसे कई लोगो से व्यक्तिगत रूप से मिला हूँ और मेरे उनसे संबंध भी रहे है जो इस विद्या को जानते है।
बिना जाने किसी के बारे में लिखना या बताना यह अंधविश्वास नहीं एक अध्ययन है। एक साधना है। और यह असंभव नहीं। यह कोई जादू नहीं कोई चमत्कार नहीं।
– Dhirendra Veer Raj Singh के पेज से