आज जिस दौर से भारत गुजर रहा है, बिलकुल वैसे ही ५ साल पहले इजराइल भी इसी दौर से गुजरा था, वहां भी एक आतंकी की मौत पर हजारों की भीड़ जमा हो जाती थी, और फिर सैनिकों पर पथराव करती थी, बिलकुल वैसे ही जैसे आज भारत मे भी हो रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए इजराइल ने एक छोटी सी बैठक की थी, मोसाद फ़ोर्स ने कहा हम मात्र तीन दिन में ये समस्या हल कर देंगे, अगले ही दिन मोसाद ने ५-६ अलग अलग शहरों में सिर्फ एक एक आतंकी को चौराहों पर गोली मारी, शहर के हर चौराहे पर हजारों की संख्या में आतंकी जुलूस करने लगे, मोसाद ने मात्र तीन-तीन बम हर जुलूस पर फेंका हजारों आतंकियों की लांशें बिछ गई, परिणाम आज भी इजराइल में लोग भीड़ बनने से डरते है. मोसाद का यह तरीका रूस को इतना पसंद आया था, कि रूस ने भी इसे कई बार आजमाया है ।
दोस्तों क्या समय आ गया है कि यही फार्मूला अब भारत मे भी आजमाया जाये ???