Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया सेपत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून लागू करना जरूरी: त्रिपाठी

पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून लागू करना जरूरी: त्रिपाठी

आईएफडब्ल्यूजे का संभाग स्तरीय पत्रकार सम्मेलन

कोटा/जोधपुर। सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा एवं दाण्डिक न्याय विश्वविद्यालय के कुलपति एवं पूर्व पुलिस महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान समय को देखते हुए पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून लागू करना जरूरी हो गया है। जोखिम भरे समाचार देने के कारण ये कानून जरूरी है। यह बात उन्होंने आज यहां इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) के तत्वावधान में रेजिडेंसी रोड स्थित होटल रेडिसन में आयोजित संभाग स्तरीय पत्रकार सम्मेलन में पत्रकारों के सुरक्षा कानून को लेकर हुई चर्चा में कही।
उन्होंने कहा कि मुम्बई बम विस्फोट में कसाब की फोटो खींचने वाला पत्रकार ही था लेकिन सुरक्षा की चिंता उसे भी होगी। अभिव्यक्ति को व्यक्त करने वाले को सुरक्षा चिंता क्यों? लेकिन कानून तो बनना ही चाहिए। इसके लिए मसौदा तैयार होना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश जोशी ने कहा कि वर्तमान हालात में पत्रकारों का सुरक्षा कानून जरूरी है। राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नाथूसिंह राठौड़ ने कहा कि संविधान का चौथा स्तंभ पत्रकारों को सुरक्षा देना सरकार का दायित्व है। विश्व के पहले पत्रकार नारद मुनि को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि महामारी में हम घरों में बैठे थे, ये पत्रकार ही थे जो फील्ड में रहकर हमे सजग करते रहे, ऐसे क्रांतिकारियों को सेल्यूट है। नगर निगम उत्तर की महापौर कुंती परिहार ने कहा कि पत्रकारों का सुरक्षा कानून लागू हो, इसकी वकालत वे सरकार से करेगी।

समाजसेवी राघवेंद्र मिर्धा ने पुराने अखबारों के उदाहरण देकर पत्रकारों की सुरक्षा की वकालत की और कहा कि मीडिया धन्ना सेठों के हाथों में जा रहा है, इसे रोकने की जरूरत है। कार्यक्रम में जलते दीप के मुख्य संपादक पदम मेहता ने अपने राजस्थानी उद्बोधन में कहा कि विश्व की सबसे गौरवशाली भाषा राजस्थानी भाषा है। राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए मिशन हाथ में लिया है। पत्रकारो की विधायी कानून नहीं है लेकिन अध्ययन करके ही आगे बढ़ा जा सकता है। इसमें पत्रकारों की सुरक्षा भी जरूरी है।

आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेशाध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौड़ ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि संभागीय सम्मेलन का समापन जयपुर में होगा और वहां सरकार तक पत्रकारों के सुरक्षा कानून की मांग पहुंचाने के लिए दबाव बनाया जाएगा। इस दौरान असम की वरिष्ठ पत्रकार नमिता बोड़ा और राजस्थानी कवि आईदान सिंह भाटी भी मौजूद रहे। उन्होंने भी पत्रकारों की सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की। सम्मेलन में जोधपुर के साथ ही जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही व पाली के पत्रकार शामिल हुए। प्रारंभ में फेडरेशन की प्रदेश सचिव एवं जोधपुर संभाग प्रभारी संगीता शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। अतिथियों ने माँ सरस्वती की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिलाध्यक्ष डा. के.आर. गोदारा सहित कार्यकारिणी के अन्य पदाधिकारियोंं ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन राजीव गौड़ ने किया।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार