अवैध धर्मान्तरण के विरोध में कर्नाटक के बेलगावी जिले में जैन समाज ने एक बड़ी रैली आयोजित की। इस रैली में जैन समाज के तमाम संगठनों के पदाधिकारी और धर्मगुरु शामिल हुए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस रैली में बड़ी संख्या में जैन धर्म को मानने वाले लोग भी शामिल हुए। यह रैली रानी चेनम्मा सर्किल से शुरू हुई थी। रैली का समापन डिप्टी कमिश्नर कार्यालय पर जा कर हुआ।
रैली में सामूहिक रूप से कर्नाटक में बढ़ रहे धर्मांतरण पर चिंता जताई गई। आयोजनकर्ताओं के अनुसार कित्तूर, बेलगावी, खानापुर, बाईहोंगल तालुका में बहुत व्यापक पैमाने पर धर्मान्तरण कराया जा रहा है। रैली ने प्रशासन से धर्मान्तरण को सख्ती से रोकने की माँग की।
इसी के साथ रैली में मौजूद जैन नेताओं ने सरकार से भी धर्मांतरण की तरफ ध्यान देने का आग्रह किया। DC कार्यालय पर इस आशय के साथ एक ज्ञापन भी दिया गया। ज्ञापन में कर्नाटक सरकार से धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की माँग की गई है।
इसी के साथ रैली में मौजूद जैन नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। रैली में शामिल जैन युवा संगठन के नेता कुण्ठीनाथ कालमणि ने धर्मान्तरण विरोधी कानून को लागू करने की माँग की। उनके अनुसार अवैध धर्मान्तरण को रोकने के लिए यह क़ानून बेहद जरूरी है। इस रैली में जैन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन, कर्नाटक जैन एसोशिएशन बंगलुरु, दक्षिण भारत जैन सभा, भारतीय जैन संगठन व कई अन्य समूहों ने हिस्सा लिया।
गौरतलब है कि कर्नाटक के देहात क्षेत्रों में धर्मांतरण अपने चरम पर है। रिपोर्ट के अनुसार ईसाई मिशनरियाँ इन इलाकों में लालच और डर दिखा कर व्यापक स्तर पर धर्मान्तरण करवा रही हैं। अल्पसंख्यक कल्याण और अनुसूचित जाति विभाग ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वो अपने क्षेत्रों में धर्मांतरण में सक्रिय मिशनरियों की संख्या बताएँ।
इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के विधायक गूलीहट्टी शेखर ने अवैध धर्मांतरण को ले कर बड़ा खुलासा किया है। भाजपा विधायक के अनुसार प्रदेश में सक्रिय 40 प्रतिशत ईसाई मिशनरियों का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है। उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया। मामले की गंभीरता बताते हुए भाजपा विधायक ने कहा कि उनकी खुद की माँ भी ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मान्तरित करवा दी गईं।
भाजपा विधायक ने बताया था कि उनकी माँ को ईसाई मिशनरियों ने तिलक आदि लगाने से मना कर दिया था। उनका ऐसा ब्रेनवाश कर दिया गया था कि उन्होंने हिन्दू देवी देवताओं की तरफ देखना भी बंद कर दिया था। भाजपा विधायक के अनुसार उनकी माँ को पहले सिर्फ प्रार्थना सभा के लिए बुलाया गया था। यह प्रार्थना सभा उनके घर के बगल में चलती थी।
भाजपा विधायक ने यह भी बताया था कि ईसाई मिशनरियों के निशाने पर SC समुदाय के लोग अधिक होते हैं। इसी के साथ आदिवासियों को भी धर्मांतरित करने में वो बेहद सक्रिय रहते हैं। यदि कोई हिन्दू संगठन से जुड़ा कार्यकर्ता उनका विरोध करता है तो ये उन्हें किसी न किसी मामले में फँसा देती हैं। इस फर्जी मामलों में रेप और जाति संबंधित मुकदमे खास तौर पर हथियार की तरह प्रयोग किए जाते हैं।