उज्जैन : जिस तरह सिंहस्थ महाकुंभ में अमृत मंथन होता है उसी तरह जब विचारों का कुम्भ लगता है तो विचारों के मंथन से समाज में नये विचारों और नये दिशाओं का अमृत बरसता है. जिससे भविष्य की युवा पीढ़ी भी सांस्कृतिक विरासतों को आदर्श स्तम्भ बनने को प्रेरित होती है.
जैन कुम्भ के रूप में आयोजित कर रहे “नवकार महोत्सव 2016” के आयोजक विनायक ए जैन लुनिया ने मीडिया को महोत्सव की जानकारी प्रदान करते हुए कहा. श्री
लुनिया ने बताया की जैन समाज के 9 ज्वलंत मुद्दों को विचार कुम्भ (डिबेट) के माध्यम से समाज के सामने लाने का एक प्रयास किया जा रहा है. जिसमे देश
भर के आम से खास तक समाजजन हिस्सा लेंगे. जिसका प्रथम आयोजन विश्व्विख्यात धर्म नगरी उज्जैन में दिनांक 24, 25, 26 जून को किया जा रहा है.
महोत्सव की प्रभारी श्रीमती मीना जैन ने बताया की नवकार महोत्सव में विचार कुम्भ के अलावा युवाओं को धर्म से जोड़ने के लिए विभिन्न विषयों पर धार्मिक प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया है तो साथ ही महोत्सव का विशेष आकर्षण का केंद्र समाज के उन महानुभाव समाज सेवियों को “नवकार उपाधियों” से अलंकृत किया जायेगा, जिन्होंने अपने खून पसीने से समाज को सींचते हुए समाज की नींव को मजबूती प्रदान किया है.
श्रीमती जैन ने बताया कि यह महोत्सव समाज के अंतर्राष्ट्रीय मुखपत्र “नवकार महामंत्र टाइम्स” के ९ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में आयोजित किया जा रहा है, यह प्रत्येक वर्ष नियमित रूप से आयोजित होता रहेगा.
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दिलीप जैन
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