मशहूर शायर, गीतकार व पटकथाकार जावेद अख़्तर की मौजूदगी ने पुस्तक मेले में चार चांद लगा दिया। जावेद अख्तर हॉल न. 12 में राजकमल प्रकाशन समूह के स्टॉल 237 में अपने प्रशंसकों व पाठकों से मिलने के लिए विशेष तौर पर आए थे। तकरीबन डेढ़ घंटे तक रूककर अपने पाठकों से जावेद साहब मिलते रहे, सेल्फी खिंचवाते रहे। जावेद अख़्तर की किताब 'तरकश' व 'लावा' विशेष तौर से राजकमल के स्टॉल पर उपलब्ध थी। उनके प्रशंसकों ने उनकी किताब 'लावा' व 'तरकश' को न केवल अपने लिए खरीदा बल्कि अपने दोस्तों व मम्मी-पापा के लिए भी खरीदा और उस पर जावेद साहब के हस्ताक्षर करवाएं। इस मौके पर राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने जावेद अख्तर साहब का गर्मजोशी से स्वागत किया।
वहीं दूसरी तरफ लेखक मंच पर राजकमल द्वारा आयोजित कथा वाचन कार्यक्रम में वंदना राग, प्रियदर्शन व हृषिकेश सुलभ ने अपनी-अपनी किताबों क्रमशः 'हिज़रत से पहले', 'बारिश धुआं और दोस्त' और हलंत से अपनी पसंद की कहानियों का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार व जानकीपुल व्लॉग के संपादक प्रभात रंजन ने किया।
वहीं राजकमल प्रकाशन के स्टॉल पर कुसुम खेमानी की कहानी संग्रह ‘एक अचंभा प्रेम’, विख्तयात कवि कुंवर नारायण के रचनात्मक अवदान पर कन्द्रित पंकज चतुर्वेदी की आलोचतनात्मक कृति ‘जीने का उदात्त आशय’ व सुप्रसिद्ध कवयित्री अनामिका के नए काब्य संग्रह ‘टोकरी में दिगंत’ का लोकार्पण किया गया। इस मौके पर मंगलेश डबराल व डॉ. रविभूषण सहित कई प्रसिद्ध साहित्यिक हस्तियां उपस्थित थी।
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आशुतोष कुमार सिंह, साहित्य प्रचार अधिकारी
राजकमल प्रकाशन समूह
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